
अपने शरीर का सम्मान करने की कला
हमारा शरीर; जो हम सभी के लिए हमारी शारीरिक पोशाक है, अक्सर हमारे स्वयं या दूसरों के द्वारा परखा जाता है, कभी कभी आलोचना या
अपने दिन की शुरुआत करने से पहले, आपके पास जो भी दिन भर के कामों की लिस्ट हो, तो अपने आप को याद दिलाएं कि मुझे आज विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों पर काबू पाने और सफलता का अनुभव करने के लिए इन आठ आध्यात्मिक शक्तियों का उपयोग करना है। उदाहरण के लिए: आज मुझे कंपनी की बैठक में अधिकारियों के एक समूह से मिलना है और हमें सभी के फीडबेक के आधार पर कुछ निर्णय लेने हैं। ऐसी स्थिति के लिए, मुझे लोगों के अलग-अलग विचारों के लिए परखने की शक्ति का उपयोग करना होगा और साथ ही अलग -अलग मतों के आधार पर निर्णय लेने की शक्ति का भी उपयोग करना होगा। इन सभी बातों को डील करने के लिए मुझे स्वच्छ बुद्धि और स्थिर मन के साथ – साथ, कल के संदेश के अनुसार; इन दोनों शक्तियों के संस्करों को विशेष रूप से बढाना पडेगा। एक दूसरी स्थिति में: अचानक ऑफिस में मेरे एक करीबी सहयोगी के साथ मेरा कोल्ड वॉर हो जाता है और वह मुझसे दूरी बनाने लगता है। ऐसी स्थिति में उसके साथ अपने संबंध ठीक करने के लिए; मुझे अन्य शक्तियों के साथ कुछ हद तक सहयोग करने की और समाने की शक्ति की आवश्यकता है। तो ये कार्यस्थल पर होने वाली, दो अलग-अलग स्थितियों के उदाहरण हैं।
फिर हमारे पर्सनळ लेवल पर भी ऐसी स्थितियाँ आती हैं जैसे कि हम बीमार हो जाते है और मन दुखी हो जाता है और चेहरे पर मुस्कान की जगह असंतोष और उदासीनता आ जाती है। इस तरह की शारीरिक समस्याओं की परेशानी का सामना बहुत से लोगों को करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में मुख्यता; सामना करने की शक्ति और समाने की शक्ति की आवश्यकता होती है| आमतौर पर बीमारी होने पर, अन्य छह शक्तियां कम हो जाती हैं। और कुछ लोग तो शारीरिक रूप से ठीक नहीं होने पर बहुत जल्दी आपा खो देते हैं या गुस्सा हो जाते हैं यानि उनकी सहन करने की शक्ति और सहयोग करने की शक्ति कम हो जाती है। इसके अलावा, बीमारी के समय, कुछ लोगों को सही और गलत में अंतर करना या परखना और सही निर्णय लेना भी मुश्किल होता है, जबकि हम देखते है कि वास्तविक जीवन स्थितियों में सफल, होने के लिए ये दोनों ही शक्तियां बहुत आवश्यक हैं। और फिर, कई लोगों में बीमारी के समय नकारात्मक विचार भी बढ़ सकते हैं, तो लोगों को ठीक से सोना और ध्यान केंद्रित करना बेहद मुश्किल होता है तब ऐसी स्थिति में उनकी समेटने की और अंतर्मुखता की शक्ति प्रभावित हो सकती है।
(कल जारी रहेगा…)
हमारा शरीर; जो हम सभी के लिए हमारी शारीरिक पोशाक है, अक्सर हमारे स्वयं या दूसरों के द्वारा परखा जाता है, कभी कभी आलोचना या
क्या मैं स्वयं से संतुष्ट हूँ – जीवन में आगे बढ़ने के लिए स्वयं से, अपने संस्कारों से, अपने विचारों, शब्दों और कार्यों से तथा
वर्ल्ड ड्रामा एक ऐसा नाटक है जिसे सभी आत्माएं पृथ्वी ग्रह पर अवतरित होकर खेलती हैं और जिसके चार चरण वा युग होते हैं –
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