
सही और स्पष्ट तरीके से परखना
हमारा जीवन किसी “यूज़र मैनुअल गाइड” के साथ नहीं आता कि, इसे कैसे और किस तरह से परफेक्टली जी सकते हैं और साथ ही, हमें
हम सभी आध्यात्मिक मनुष्य आत्माएं हैं जो इस दुनिया में अपने-अपने शरीर के माध्यम से अपनी-अपनी भूमिकाएँ निभा रहे हैं। हम सभी स्वयं को आध्यात्मिक रूप में तब महसूस करते हैं जब हम अपने स्वभाव या संस्कार के आधार पर, अपने व्यवहार के माध्यम से अलग-अलग तरीकों से सोचते हैं, कल्पना करते हैं और कार्य करते हैं। साथ ही, आम तौर पर सब इसी वास्तविकता से परिचित हैं कि, हम समय-समय पर अपना भौतिक शरीर बदलते हैं और जन्म और पुनर्जन्म के चक्र में आते हैं। यही पुनर्जन्म है| दूसरी तरफ, दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जो पुनर्जन्म में विश्वास नहीं करते हैं और उन्हें लगता है कि यह सिर्फ एक कल्पना है और जीवन केवल एक भौतिक घटना है, और हमारे द्वारा सभी सोच-विचार और कल्पनाएं दिमाग द्वारा की जाती है न कि आत्मा द्वारा। उनका यह भी मानना है कि, हमारे स्वभाव- संस्कार हमें जन्म देने वाले माता-पिता से विरासत में मिले भौतिक जीन्स के अलावा और कुछ नहीं हैं, और वे आत्मा द्वारा संचालित नहीं होते हैं।
अध्यात्म हमें यह महत्वपूर्ण सीख देता है कि, परमात्मा भी हमारी तरह एक आध्यात्मिक शक्ति है, लेकिन वह जन्म और पुनर्जन्म के चक्र में नहीं आते हैं। वह हमेशा और निरंतर आत्माओं की दुनिया में रहते हैं और केवल एक बार इस धरा पर आते हैं, जब इस भौतिक दुनिया में सभी आत्माएं अपनी आध्यात्मिक एनर्जी खोकर विकारी हो जाती हैं। परमात्मा इस सृष्टी और इसमें भूमिकाएं निभाने वाली सभी आत्माओं को, अपने आध्यात्मिक गुणों और शक्तियों से भर देते हैं और फिर से दुनिया का उत्थान करते हैं। वह आयरन एज व कलियुग को गोल्डेन एज व सतयुग में बदल देते हैं, जिसे स्वर्ग कहा जाता है। वे जब इस धरा पर आकर हमें पुनर्जन्म का ज्ञान देते हैं और बताते हैं कि, कैसे आत्माएं अपनी अलग-अलग फिजीकल वेशभूषा के माध्यम से; सतयुग की शुरुआत से कलियुग के अंत तक और फिर परमात्मा द्वारा आत्माओं को शुद्ध करने के बाद फिर से सतयुग में अपनी भूमिकाएं निभाती हैं, और सतयुग से कलियुग तक यह चक्र बार-बार दोहराया जाता है।
हमारा जीवन किसी “यूज़र मैनुअल गाइड” के साथ नहीं आता कि, इसे कैसे और किस तरह से परफेक्टली जी सकते हैं और साथ ही, हमें
तीसरा दर्पण; आपके स्वयं के थॉट्स, बोल और कर्मों का दर्पण है, जो आप अपने और दूसरों के बारे में सोचते और महसूस करते हैं;
पिछले दो दिनों के संदेशों द्वारा; हमने आंतरिक सुंदरता के प्रथम दर्पण – आध्यात्मिक ज्ञान के दर्पण को जाना। हमारा दूसरा दर्पण है; योग का
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