मन के ट्रैफिक को कण्ट्रोल करना

मन के ट्रैफिक को कण्ट्रोल करना

हमारे विचार हमारे भाग्य का निर्माण करते हैं। इसलिए हमें एक भी गलत विचार क्रिएट नहीं करना चाहिए। तो, दिमाग को सही सोचने के पैटर्न को प्रोग्राम करने के लिए, हम हर एक घंटे के बाद, एक मिनट के लिए रुककर, दिमाग को आराम देकर, इसे शक्तिशाली विचारों से चार्ज कर सकते हैं। इसका फायदा यह होता है कि, जब भी कोई नेगेटिव परिस्थिति सामने आती है, तो हमें ऐलर्ट होकर सही विचार क्रिएट करने की आवश्यकता नहीं पड़ती और एक ट्रेंड दिमाग अपने आप सही और पॉजिटिव सोचने लगता है। तो फिर, आप अपने दिमाग को रिजुवनेट करने के बारे में आप क्या सोचते हैं, क्या आपको लगता है कि – एक वीकेंड, स्वयं को पैंपर करना, डिटॉक्स करना, खरीदारी करना या घूमने जाना आपको  हमेशा के लिए अच्छा महसूस कराते हैं, लेकिन क्या वे आपको अनरिचेबल नहीं लगते? हमें हर रोज अच्छी मेन्टल एनर्जी कीआवश्यकता है, न कि किसी विशेष समय पर, लिए जाने वाले लक्ज़री साधन। अपनी सेल्फ- केयर करना और मन को फिर से रिजुवनेट करने का अभ्यास करने में, सिर्फ हर 59 मिनट के बाद, एक मिनट का समय लगता है। और यदि हम ऐसा नहीं करते हैं, तो हमारा मन कई गलत विचारों और फीलिंग्स को क्रिएट करते -करते थक सकता है। हमारा मन, नियमित आराम और रिचार्ज करने से, अपने फुल पोटेंशियल से काम करता है। तो, हर एक घंटे के बाद, कुछ सेकेंड के लिए रुकें और चेक करें, कि आपका मन ठीक है या नहीं? अगर यह परेशान है, तो इसकी काउंसलिंग करें, अपने मन से बातें करें। इस प्रकार से, मन समझ कर शांत हो जाता है और यह सीख पाता है कि, कौन से विचार सही हैं और कौन से नहीं। हर दिन अपने पॉजिटिव ऐफरमेशन को भी दोहराएं, यह मन को क्लीन रखता है, इसे चार्ज करता है और आपके थॉट प्रोसेस को अगले घंटे के लिए तैयार करता है। विचारों के ट्रैफिक को कण्ट्रोल करना आसान और प्रभावी है, और मन को शांति व् खुशी देने के लिए, केवल 60 सेकंड की आवश्यकता होती है। इसकी प्रैक्टिस करें और देखें कि, आपका मन पूरे दिन कितनी कुशलता पूर्वक काम  करता है।

हर सुबह स्वयं को याद दिलाएं कि, आप एक पॉवरफुल सोल हैं। हर स्थिति में स्टेबल, शांत और प्रसन्न रहें, अपने मन का ख्याल रखें। आपका मन आपके शरीर, आपके संबंधों और आपके काम का ख्याल रखता है। मन के ट्रैफिक कण्ट्रोल को नियमित करने के लिए, हर घंटे में एक मिनट के लिए रुकें, चाहे आप घर पर हों, काम पर हों, या कहीं भी हों, जो कुछ भी कर रहे हैं, उससे थोड़ी देर के लिए पॉज लें, अपने विचारों को चेक करें, एनालाइज़ करें कि, लास्ट वन ऑवर में, आपके मन ने लोगों और परिस्थितियों में कैसे रिएक्ट किया, यदि कोई हर्ट, चिंता, भ्रम या क्रोध की बात थी, तो मन को समझाएं कि, तुम एक पवित्र आत्मा हो, सुख और शांति तुम्हारा ऑरिजिनल संस्कार है, सबको स्वीकार करना और किसी से उम्मीदें न रखना स्वाभाविक है। हमेशा याद रखें कि, कोई आपको हर्ट नहीं कर सकता, सोचें कि वे स्वयं दर्द में हैं। और आप अपनी स्टेबिलिटी से हर परिस्थिति को प्रभावित करते हैं, सब कुछ परफेक्ट है और हमेशा रहेगा। ऐसे विचार आपको शक्तिशाली और जीवन में आने वाले किसी भी सीन में सुरक्षित रखते हुए, सशक्त बनाते हैं। हर दिन, सुबह 30 मिनट की मेडिटेशन प्रैक्टिस, हर घंटे के बाद- एक मिनट के लिए ट्रैफिक कण्ट्रोल, और रात में सोने से पहले 10 मिनट की मेडिटेशन प्रैक्टिस से आप घर में, अपने काम पर और शाम को घर लौटने के बाद भी ऊर्जावान (energised)फील करेंगे।

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