आपकी इच्छाशक्ति आपकी सबसे बड़ी ताकत है
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
अपने आस-पास की दुनिया को देखते हुए, अपने मन में एक शुद्ध और पोजिटीव विचार लायें, कि यह दुनिया मेरा परिवार है और अपने मन में यह भाव जगाएं कि हमें इसकी सेवा करनी है। सभी मनुष्य भाईचारे के एक खूबसूरत बंधन में आपस में बंधे हुए हैं। और जैसे हम अपने लिए सबकुछ अच्छा हो, की कामना करते हैं, वैसे ही दिन के कुछ पलों में, अपने अंदर की भरपूरता के खजानों को, विश्व की हर आत्मा के साथ शेअर करें। इस शुभ भावना को दिन भर में कई बार करें। जब भी कोई आपके सामने आए, तो अपने मन की आवाज या मन के सुनने की शक्ति द्वारा, सामने वाले की आंतरिक आवाज को सुनने की कोशिश करें, कि उन्हें किस गुण या शक्ति की जरुरत है? यदि कोई आपको सड़क पर मिले और आप यह जान पाएं कि इस व्यक्ति को खुशी की जरुरत है, तो उस गुण को अपने हृदय में फील करें। अपनी मुस्कान और सुखद व्यवहार और अपने मन की आंतरिक आनंदमय स्थिति के माध्यम से, उस व्यक्ति को उस गुण का दान दें। यदि आप अपने कार्यालय जाते हैं और आप किसी ऐसे सहयोगी से मिलते हैं जो परेशान और अशांत है, तो उनके साथ अपनी द्रष्टी और कोमल शब्दों के माध्यम से शांति के गुण को बांटे। इसी प्रकार, यदि आपके घर में, किसी में नेगेटीव परिस्थितियों को सहन करने की शक्ति नहीं है तो, अपने मनःस्थिति एवं शक्तिशाली एनर्जी द्वारा उस व्यक्ति को सहने की शक्ति का सहयोग प्रदान करें। इससे आप सदा देने वाले वा सर्व की मनोकामना पूर्ण करने वाले बन जाएंगे ।
और जब आप परमात्मा को निरंतर अपने साथी के रूप में साथ रखते हैं और उनकी छत्रछाया में रहते हैं, तो आपके अंदर, इन सभी गुणों और शक्तियों की महसूसता अधिक होगी| परमात्मा एक मार्गदर्शक सितारा है जिसकी छत्रछाया में रहने से, मन से उनके साथ जुड़े रहने से, हम वो सब पा सकते हैं जो हम अपने और दूसरों के लिए चाहते हैं। इसका कारण यह है कि, जितना अधिक हम परमात्मा से प्रेम करेंगे, हम उतने ही अधिक गुणों और शक्तियों से परिपूर्ण होंगे और दूसरों को भी उनसे भरने में सक्षम होंगे। और एक भरपूर आत्मा में ही बेहतर स्वास्थ्य, धन संपत्ती, संबंध और बेहतर रोल निभाने की क्षमता होगी।
(कल जारी रहेगा…)
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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