
ईज़ी रहें, बिजी नहीं
“क्या आप हमेशा ‘मैं बहुत बिजी हूं’ कहते हैं? यह आदत आपकी कार्यक्षमता और खुशी को कैसे प्रभावित करती है, जानें। आइए, बिजी से ईज़ी बनने का मंत्र अपनाएं और समय की कमी से मुक्त होकर जीवन का आनंद लें!”
हम अनजाने में कभी-कभी, अपने परिवार के सामने तथ्यों को बताते हुए या फिर दोस्तों को कोई घटना सुनाते हुए, बातों को बढा- चढा कर बताते हैं। इस तरह से हम बात-चीत में चीजों को- कभी अधिक महत्वपूर्ण- कभी ज्यादा बेहतर या बदतर दिखाने की कोशिश करके, अनरिअल बना देते हैं। इसके अलावा, ऐसे नेगेटिव अनुभवों को बढ़ाकर, हम न केवल चीजों को जटिल बनाते हैं, बल्कि नेगेटिव वाईब्रेशन भी आकर्षित करते हैं। आइये, इसके बारे में बारीकी से समझें:
“क्या आप हमेशा ‘मैं बहुत बिजी हूं’ कहते हैं? यह आदत आपकी कार्यक्षमता और खुशी को कैसे प्रभावित करती है, जानें। आइए, बिजी से ईज़ी बनने का मंत्र अपनाएं और समय की कमी से मुक्त होकर जीवन का आनंद लें!”
भाई-बहनों की प्रतिस्पर्धा को आध्यात्मिक समझ से समाप्त करें। तुलना और ईर्ष्या को छोड़कर प्रेम, सम्मान और आत्म-संतोष को अपनाएँ। ✨🕊️
मेडिटेशन केवल अभ्यास नहीं, बल्कि परमात्मा से जुड़े रहने का एक तरीका है। ध्यान द्वारा आध्यात्मिक पोषण प्राप्त करें और दिव्यता बढ़ाएँ। 🌿✨
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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