अपने द्वारा की गई हर प्रतिबद्धता/ वचन (कमिटमेन्ट) का सम्मान करें

अपने द्वारा की गई हर प्रतिबद्धता/ वचन (कमिटमेन्ट) का सम्मान करें

हम सभी स्वयं द्वारा किए गये वादों व प्रतिबद्धताओं (कमिटमेन्ट) को समय सीमा के अंदर रहते हुए पूरा करना चाहते हैं। जब भी हम कोई कमिटमेन्ट करते हैं या वचन देते हैं, तो इसका मतलब है कि, हम न केवल स्वयं के शरीर और दिमाग को अपने इरादों के बारे में, बल्की अपने आसपास की दुनिया को भी एक संदेश देते हैं। और ये संदेश भेजना माना, जो हमने कहा है कि हम करेंगे, उसे करके हम न सिर्फ दूसरे लोगों का भरोसा जीतते हैं, बल्कि अपनी नजरों में भी सम्माननीय बन जाते हैं। अपने वचनों व प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने से हमारे चरित्र, आत्मविश्वास, अखंडता और आत्म-छवि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ज्यादातर हम सभी अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का एक तरीका ढूंढ लेते हैं। लेकिन कभी-कभी हम वह नहीं करते, जिसको हमने करने का वादा किया था। हम अपने द्वारा दिए गये कमिटमेन्ट से या तो कम प्रदर्शन करते हैं या फिर जरूरत से ज्यादा वायदे कर लेते हैं, जिनको पूरा करने में हम असमर्थ होते हैं। जीवन में आने वाले कुछ मुश्किल क्षणों को छोड़कर, हमें अपने हर कमिटमेन्ट को समय पर पूरा करके उसका सम्मान करने का अभ्यास करने की आवश्यकता है।

कमिटमेन्ट/ प्रतिबद्धताओं को पूरा करने और अपनी सत्यनिष्ठा को मजबूत करने के लिए, नीचे बताये गये स्टेप्स फालो करें:

  1. आप किसी रेस का हिस्सा नहीं हैं, इसलिये हर कमिटमेन्ट को सोच- समझ के अनुसार तय करें, आपके द्वारा किया गया हर कमिटमेन्ट; आपकी प्राथमिकताओं, आपके काम करने की स्पीड, आपकी केपेसिटी, उपलब्ध संसाधनों और आपकी वेल्यूज के अनुसार होना चाहिए।
  1. केवल प्रयास करने की भावना, इच्छा व आशा न करें, बल्की निर्णय लें और सफल होने के लिए दृढ़ संकल्पित रहें।
  1. हर सुबह, अपने कमिटमेन्ट को पूरा करने के लिए; कैसे रहना है और क्या करना है, इसकी पुष्टि करें। साथ ही, कल्पना करें कि, आपने लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। और आपकी ये कल्पना आपके मन और शरीर को उस कमिटमेन्ट को पूरा करने के लिए सहयोग देगी।
  1. कभी भी संदेह या भय के एक भी विचार से अपने कमिटमेन्ट को कमजोर न होने दें। स्वयं पर हमेशा यकीन रखें।

नीचे बताए गये स्वामान अभ्यास के द्वारा आप अपने कमिटमेन्ट को गंभीरता से पूरा कर पाएंगे, दिन भर में कई बार इन्हें दोहराते रहें –

मैं बुद्धिमान आत्मा हूं… मैं ईमानदार और अपने कार्यों में अनुशासित हूं… मैं कोई भी कर्तव्य निभा सकता हूं … मैं समय प्रति समय चेक करता रहता हूं कि, क्या मैं ये सब कर सकता हूं… मैं अपनी डेड लाइन्स भी एनालाईज करता रहता हूं… मैं अपनी क्षमताओं को भी चेक करता हूं… मैं ये भी देखता हूं कि क्या ये कार्य मेरे वेल्यूज के अनुरूप है… अगर मुझे यकीन है कि मैं यह कर सकता हूं… तो फिर मैं ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं… और मैं इसे अवश्य करूंगा… मैं जो करना चाहता हूं, उसे हासिल करता हूं… भले ही परिस्थितियां अनुकूल न भी हों… लेकिन मैं दृढ़निश्चयी हूं… मैं अपने द्वारा किए गये हर कमिटमेन्ट को हमेशा पूरा करता हूं।

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