
अपने शरीर का सम्मान करने की कला
हमारा शरीर; जो हम सभी के लिए हमारी शारीरिक पोशाक है, अक्सर हमारे स्वयं या दूसरों के द्वारा परखा जाता है, कभी कभी आलोचना या
हमारे रोजमर्रा के जीवन में हमारे सामने बहुत सारे विकल्प होते हैं कि, क्या करना चाहिए और हमारा जीवन कैसा होना चाहिए। और जीवन के हर सीन में हम उन विकल्पों से जो भी निर्णय लेते हैं वह हमारे वेल्यूज को रिफ्लेक्ट करता है। चाहे वह हमारी किसी के प्रति देखभाल, धैर्यता, ईमानदारी या कृतज्ञता के बारे में हो; हमारी वेल्यूज हमें हर बात में डायरेक्ट करती हैं और हमारे जीवन को मीनिंगफुल बनाती हैं। और साथ ही अगर हमारे विचार, बोल और व्यवहार हमारी वेल्यूज के अनुसार हैं, तो हम बहुत सहज महसूस करते हैं, लेकिन अगर हम किसी कारणवश अपनी वेल्यूज के साथ समझौता करते हैं, अपने लक्ष्य से भटकते हैं या फिर वेल्यूज का आधार ही छोड़ देते हैं, तो हमें आज नहीं तो कल इसका पछतावा जरूर होता है।
जो व्यक्ति अपने जीवन में नैतिकता पर विश्वास करते हैं वे अपनी वेल्यूज के साथ कभी समझौता नहीं करते और इसका उपयोग अपनी पसंद और निर्णयों को निर्देशित करने के लिए करते हैं। लेकिन जैसे ही आप बाहर दुनिया में अपने आस-पास के लोगों को अपनी वेल्यूज के साथ समझौता करते हुए देखते हैं, तो क्या उन क्षणों में, आपके मन में भी कभी विचार आता है कि, क्या हमें भी ऐसा कर लेना चाहिए? या फिर आपने क्या अभी किसी वेल्यू को सिर्फ इसलिए छोड़ दिया है क्योंकि, आपके साथ रहने वाले लोग इसको अपने जीवन में एप्लाई नहीं करते या फिर उनके पास वो वेल्यू है ही नहीं? हमारे जीवन में वेल्यूज हमारी ताकत हैं, भले ही हमारे आस-पास के लोग उसका उपयोग नहीं करते हों, या फिर उनका मानना हो कि, आजकल के जमाने में ये काम नहीं करते; फिर भी हमें उन्हें नहीं छोड़ना चाहिए। लेकिन अक्सर हम दूसरों के द्वारा किए गये व्यवहार के बदले में वैसा ही व्यवहार उनके साथ करते हैं, तो इस प्रोसेस में हम अपनी वेल्यूज को कहीं खो देते हैं। हमारे जीवन में वेल्यूज का अर्थ है कि, अपने प्रिनसीपल के दायरे में रहकर, उन्हें मजबूत करना और सभी के साथ उनको हर हालात में यूज करना। इसलिये जीवन में आने वाले प्रलोभनों और चुनौतियों के बावजूद भी अपनी वेल्यूज पर कायम रहने से हमारी शक्तियां बढ़ती हैं। और हमारी सभी पसंद और निर्णय हमारी वेल्यूज के अनुसार ही होने चाहिए। अन्यथा यदि हम इनका उपयोग केवल अपनी सुविधानुसार करेंगे तो, ये अपनी इम्पोर्टेन्स खो देते हैं। इसलिये हर दिन कोई एक वेल्यू को दिन भर के लिए एप्लाई करें, और उसपर फर्म रहें कि, वो वेल्यू आपके व्यवहार में, आपके कर्म में, आपके बोल में रिफ्लेक्ट हो। इसे हमेशा और सबके साथ प्रयोग करें। साथ ही स्वयं को याद दिलाएं – मैं अपने जीवन में हर दिन एक वेल्यू को चुनता हूं। और इसे अपने हर विचार, बोल और व्यवहार में उपयोग करता हूं। मैं अपने वेल्यूज द्व्रारा जाना और पहचाना जाता हूं। मैं अपने जीवन के हर सीन में उनको यूज करके अपनी पर्सनैलिटी को मजबूत करता हूं।’
इस प्रकार से हमारे जीवन में वेल्यूज उस ‘कोड ऑफ कॅनड्क्ट’ की तरह हैं जो हमें और बेहतर बनने में मदद करते हैं। और साथ ही साथ ये आपके आस-पास के लोगों और परिस्थितियों में भी बदलाव लाने का कारण बनते हैं।
हमारा शरीर; जो हम सभी के लिए हमारी शारीरिक पोशाक है, अक्सर हमारे स्वयं या दूसरों के द्वारा परखा जाता है, कभी कभी आलोचना या
क्या मैं स्वयं से संतुष्ट हूँ – जीवन में आगे बढ़ने के लिए स्वयं से, अपने संस्कारों से, अपने विचारों, शब्दों और कार्यों से तथा
वर्ल्ड ड्रामा एक ऐसा नाटक है जिसे सभी आत्माएं पृथ्वी ग्रह पर अवतरित होकर खेलती हैं और जिसके चार चरण वा युग होते हैं –
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