रिश्तों में संघर्ष को कैसे सुलझाएं (भाग 1)
हमारे रिश्तों में, कई बार हमें लगता है कि दूसरा व्यक्ति न केवल एक समस्या है बल्कि संघर्ष क्रिएट करने का सोर्स भी है। हमें
अब तक यह सभी को ज्ञात हो चुका है कि इस वर्ल्ड- ड्रामा में हम सभी एक्टर्स हैं, और विभिन्न-विभिन्न भूमिकाएँ निभाते हैं। इस जीवन का हर सीन, स्वयं की स्क्रिप्ट लिखने और उसपर अभिनय करने की मांग करता है, लेकिन, ज्यादातर हम अपनी स्क्रिप्ट्स पर ध्यान नहीं देते और इसके बजाय दूसरों की स्क्रिप्ट लिखने में बिजी हो जाते हैं जैसे कि उन्हें क्या कहना चाहिए, उन्हें कैसे व्यवहार करना चाहिए, उन्हें कैसे रेस्पोंड करना चाहिए इत्यादि…. हम उनके रोल में इतना उलझ जाते हैं कि हमें क्या करना है वो भूल जाते हैं। सभी लोग अपनी- अपनी स्क्रिप्ट स्वयं लिखते हैं, और वे हमारी उम्मीदों के अनुसार नहीं चल सकते। आईये इसके बारे में गहराई से जानें:
हमारे रिश्तों में, कई बार हमें लगता है कि दूसरा व्यक्ति न केवल एक समस्या है बल्कि संघर्ष क्रिएट करने का सोर्स भी है। हमें
हम अपने जीवन में, हर दिन परमात्मा को अनुभव करते हैं। हम उन्हें याद करते हैं और हर कदम पर उन्हें धन्यवाद देते हैं कि
जब लोग, हमें हमारे कार्यों या गुणों के लिए सराहते हैं, तो दरअसल वे अपने दृष्टिकोण द्वारा हमारी अच्छाई देखने की, अपनी खूबी को प्रकट
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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