आपकी इच्छाशक्ति आपकी सबसे बड़ी ताकत है
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
कल के संदेश में बताये गये; चार प्रश्न चिह्नों और विस्मयबोधक चिह्नों से अपनी एवेअरनेस को लंबे समय तक मुक्त रखना ही सिचुएशन – प्रूफिंग है; जहां नेगेटिविटी और वेस्ट विचारो के लिए कोई जगह नहीं होती है। ऐसी पोजिटीव एवेअरनेस में रहने वाला व्यक्ति ही पोजिटीव दृष्टिकोण रख सकता है और ये दृष्टिकोण जीवन में आने वाली समस्याओं की धारणा को प्रभावित कर उन्हें पोजिटीव बनाता है। आखिर में यही पोजिटीव दृष्टिकोण, हमें सही शब्दों और कर्मों का चुनाव करना सिखाता है जो हमारी समस्यायों को हल करने के लिए बहुत आवश्यक है।
संक्षेप में, हमारे विचार ही हमारी धारणाओं की नींव बनते हैं। नेगेटिव धारणाओं का आधार नेगेटिव विचार होते हैं जोकि जीवन भर प्रश्नों और विस्मयबोधक से भरे होते हैं। जबकि पोजिटीव धारणाएं, लंबे समय से मन में पैदा होने वाले पोजिटीव विचारों पर आधारित होते हैं। और यह केवल उस विशेष क्षण में पैदा होने वाले पोजिटीव विचारों के बारे में नहीं है, जब आपके जीवन में कोई कठिन परिस्थिति आती है। हमारे मन द्वारा क्रिएट किए जाने वाले, पोजिटीव विचार कुछ महीनों के या कई वर्षों के अभ्यास द्वारा पैदा होते है जो मन को बेहद शक्तिशाली बनाते है। यह कई तरह की नेगेटिव परिस्थितियों से गुजरते हुए मन के ऊपर भी काम करता है और मन को उन सभी परिस्थितियों में पोजिटीव रखने में कई बार जीत हासिल करता है, जिससे मन सशक्त बनता है। यह भविष्य में आने वाली परिस्थितियों में, हमारी धारणा को बदलकर उन्हें पोजिटीव बनाए रखता है। हमारी मन रुपी बाल्टी में नेगेटिव विचार, अशुद्ध पानी की तरह होते हैं जिनके ऊपर डाले गए पोजिटीव विचार साफ पानी की तरह होते हैं जिन्हें मन रुपी बाल्टी में अधिक में डालने की आवश्यकता होती है ताकि अशुद्ध पानी पूरी तरह से पोजिटीव विचारों के साफ पानी से बदल जाए। इसलिए, आध्यात्मिक ज्ञान के माध्यम से और मेडीटेशन के द्वारा, प्रतिदिन कुछ मिनटों के लिए अपने मन में पोजिटीव और सुंदर विचार डालकर उसे सशक्त बनाएं। धीरे-धीरे इनका अभ्यास करने से, परिस्थितियां आने पर प्रश्न चिह्न और विस्मयबोधक चिह्न, जो हमें कॅनफ्यूज करके हमारी पोजिटीव धारणाओं को कम करते हैं, खुद ब खुद कम होते जाएंगे। इसके परिणाम स्वरूप आप सिचुएशन -प्रूफ बन जाएंगे।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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