परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के 8 तरीके (भाग 3)
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
इस दुनिया में हम इंसानों के बीच, कई प्रकार के रिश्ते होते हैं। हमारे और दूसरों के बीच एक खूबसूरत रिश्ता सच्चे आध्यात्मिक प्रेम पर आधारित होना चाहिए, जिसमें मेरे अंदर दूसरों के लिए कोई नफरत व घृणा का भाव न हो। नफरत व घृणा रखने का मुख्य कारण दूसरे की कमजोरियों या उनके नकारात्मक व्यवहार को देखना है। कभी-कभी हम दूसरे व्यक्ति से कुछ एक्स्पेक्टेशन रखते हैं और जब ये पूरी नहीं होतीं हैं, तो हम उस व्यक्ति को नकारात्मक दृष्टि से देखना शुरू कर देते हैं और उनसे नफरत करने लगते हैं। कई लोगों के लिए, अपने जीवन में कुछ व्यक्तियों के प्रति नफरत रखना बहुत नॉर्मल बात है। तो क्या, हम इस नेगेटिव भाव/ नफरत से पूरी तरह मुक्त हो सकते हैं? क्या ऐसा संभव है? आइए, इससे मुक्त होने के कुछ तरीकों पर नजर डालें –
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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