5 चरणों के द्वारा में परमात्मा के साथ विश्वास का रिश्ता बनाएं

5 चरणों के द्वारा में परमात्मा के साथ विश्वास का रिश्ता बनाएं

  1. हमेशा परमात्मा को अपने सर्वोच्च माता-पिता और गार्जीअन (संरक्षक) समझें – हमें बहुत गहराई से यह महसूस करने की जरूरत है कि, हमारे जीवन में नकारात्मक और सकारात्मक जो कुछ भी हो रहा है, वह परमात्मा के द्वारा न ही तय किया गया है और नाहि किया जाता है। बल्की, यह हमारे पिछले कई जन्मों और वर्तमान जन्म में हमारे प्रत्येक विचार, बोल और कार्य के परिणामस्वरूप हमारे जीवन में घटीत होता है। हमेशा याद रखें; मेरे जीवन में होने वाली हर चीज़ के लिए परमात्मा ज़िम्मेदार नहीं है, लेकिन वह हर उस चीज़ में मेरी मदद करने के लिए ज़िम्मेदार है।
  2. हमारे दृढ़ संकल्प का एक कदम उठाने से, परमात्मा के हजार कदमों की मदद मिलेगी – जब हम अपने जीवन के सबसे खराब व बुरे दौर में हों, एक ही समय पर कई नकारात्मक घटनाएं घट रही हों, तो परमात्मा की आज्ञाओं को याद रखें और आशा न खोएं। मन में दृढ़ संकल्पित रहें कि, परमात्मा हमसे किया गया अपना वादा याद रखेंगे और वह हमारी उम्मीद से बढकर हमारी मदद करेंगे और हमारी हर समस्या का समाधान सही समय पर और सही तरीके से करेंगे।
  3. परमात्मा पर विश्वास/ निश्चय रखने के लिए, हर दिन उन्हें याद करें – हर सुबह उठते ही परमात्मा को कुछ समय के लिए याद करें और उनसे प्यार, आशीर्वाद और शक्तियां लेकर अपने अंदर भरें, और उन्हें आज के दिन आने वाली चुनौतियों के बारे में बताएं, जिनका आपको सामना करना पड़ सकता है। हर दिन की शुरुआत परमात्मा से प्राप्त शक्तियों से करें और स्वयं को भरपूर करें। दिन में होने वाले हर महत्वपूर्ण कार्य में उन्हें अपने साथ रखकर उनसे बातें करते रहें। और रात को सोने से पहले, कुछ मिनटों के लिए उन्हें याद करके, अपने आज के दिन उनके द्वारा दी गई मदद के लिए उनका धन्यवाद करें। और आत्मविश्वास से भरपूर होकर, निश्चिंत होकर उनकी गोद में सो जाएं और आने वाले दिन के लिए भी आत्मविश्वास से भरपूर हो जाएं।
  4. सुख-दुख में परमात्मा को अपना साथी बनाएं- हम सभी ने दुख की घड़ी में परमात्मा को कई बार याद किया है, लेकिन अक्सर अपने ख़ुशी और आनंद के समय हम उन्हें भूल जाते हैं। और फिर कहते हैं कि, हम उनसे बहुत प्यार करते हैं। लेकिन अगर वास्तव में हम उनसे सच्चा प्यार करते हैं, तो हम हमेशा सुख और दुख दोनों ही समय में उन्हें अपने साथ रखेंगे। हम जितना अधिक ऐसा कर पाएंगे, उतना ही अधिक वह हमसे प्यार करेंगे और हमें यह महसूसता होगी कि, वह हमेशा हमारे साथ हैं और हम उन पर और अधिक भरोसा करने लगेंगे।
  5. अपने कर्मों को सुंदर बनाकर परमातम सहायता का अनुभव करें – अपने हर विचार, बोल और कर्म को चेक करें और उन्हें उन सभी सुंदर गुणों से भरें; जो परमात्मा और अन्य सभी आत्माओं को पसंद हैं। यह हमें उनके करीब लाएगा और वह जीवन के हर क्षेत्र में हमारी निरंतर रक्षा करेंगे। हमें कभी भी उनकी कमी की महसूसता नहीं होगी कि, वे हमारे साथ और हमारे लिए नहीं है| हमारा जीवन आनंदमय और सुखमय हो जाएगा, और हमारा उनके ऊपर निश्चय और विश्वास भी बढ जाएगा।

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