आशीर्वाद/ दुआओं की सकारात्मक ऊर्जा (भाग 1)

आशीर्वाद/ दुआओं की सकारात्मक ऊर्जा (भाग 1)

आशीर्वाद/ दुआ…कभी-कभी या हमेशा?

हमारे रिश्ते बहुत बहुमूल्य होते हैं क्योंकि, वे आपसी प्यार और सम्मान के लेन-देन से जुडे होते हैं। और प्यूर इंटेनशन के वाईब्रेशन का यह आदान-प्रदान हमें सशक्त बनाता है और हमें उमंग- उत्साह से भरपूर रखता है। हमारे जीवन में ऐसे लोगों का होना वरदान जैसा है। ऐसा इसलिए क्योंकि, उनके प्यार की एनर्जी हमारे लिए वरदान है और हमें जीवन के हर मोड़ पर खुश और उत्साहित रहने की शक्ति देती है। उनकी ये एनर्जी हमारे लिए पावरहाऊस के समान है, जो हमें अथक परिश्रम करने और चुनौतियों का आसानी से सामना करने की इन्स्पिरेशन देती है। अपने प्रियजनों की दुआएं व आशीर्वाद किसी विशेष अवसरों पर क्रिएट किए गये विचार व शब्द नहीं हैं, बल्कि उनका हर शुद्ध विचार और शब्द एक आशीर्वाद ही है। हम सभी ने अनुभव किया है कि, हमारे जीवन में गुरुओं, माता-पिता, शिक्षकों, परिवार और दोस्तों के द्वारा दिए गये आशीर्वाद ने हमेशा चमत्कार किया है। चाहे वह किसी नवजात शिशु को दिया गया आशीर्वाद हो, किसी परीक्षा से पहले दिया गया आशीर्वाद हो, किसी बीमार व्यक्ति को जल्दी स्वस्थ होने के लिए दिया गया आशीर्वाद हो, नया प्रोफेशन या व्यवसाय शुरू करने के लिए दिया गया आशीर्वाद हो या किसी विशेष अवसर पर दिया गया आशीर्वाद हो, हम सभी ने उन आशीर्वादों की शक्ति का अनुभव किया है, जिन्होने हमारे भाग्य को संवारा है।

आशीर्वाद; एक हाईएस्ट और प्यूर वाईब्रेशन से भरी हुई एनर्जी है जिसे हम अपने विचारों में क्रिएट करते हैं और शब्दों द्वारा व्यक्त करते हैं। आशीर्वाद देना माना; हम दूसरों के लिए खुशी, बेहतर स्वास्थ्य, सद्भाव और सफलता के विचार क्रिएट करते हैं। हमारे वाईब्रेशन उनकी मानसिक स्थिति को प्रभावित करते हैं, और जब उनके विचार शुद्ध और शक्तिशाली हो जाते हैं, तो उनके भाग्य का सितारा चमत्कारिक ढंग से चमकता है।

तो आइये आज ही प्रयोग करें कि,… क्या हमारा हर संकल्प और बोल वरदान हो सकता है?

(कल भी जारी रहेगा…)

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