
गणेश चतुर्थी का आध्यात्मिक महत्व (भाग 3)
श्री गणेश का बड़ा पेट समाने की शक्ति को दर्शाता है, जिसका अभिप्राय है कि, हमें लोगों की कमजोरियों और उनके गलत कार्यों के बारे
हम सभी दिन में तीन बार भोजन करते हैं। और ये हमारी जनरल एक्टिविटीज जैसे कि उठना, बैठना, चलना फिरना, बोलना, मुस्कराना और अन्य फिजिकल कार्यों को पूरा करने के लिए हमें स्ट्रेंथ और पोषण देता है। जिस तरह से भोजन हमारी लाइफ को सस्टेन करता है, उसके लिए महत्वपूर्ण है कि, हम जो भी खाते हैं, उसे प्यार और सम्मान के साथ ग्रहण करें। अक्सर हम सभी कभी न कभी, अपनी थाली में परोसे हुए भोजन की आलोचना करते हैं। हम भोजन के बारे में अनजाने में ही ऐसे कमेंट कर देते हैं, जिससे भोजन का अपमान होता है, फॉर एग्जाम्पल – मैं हर रोज ये खाकर ऊब गया हूँ, यह खाना बहुत फीका है, मेरी माँ इस डिश को बेहतर बनाती है। साथ ही, हम चिंता और गिल्टी के वाइब्रेशन भी इसमें डाल देते हैं जैसेकि – इसे खाने से मेरा वजन बढ़ सकता है, या फिर अगर मेरा शुगर लेवल बढ़ गया तो क्या होगा, ये भोजन फ्रेश नहीं है उम्मीद करता हूं कि इसे खाकर मैं बीमार नहीं पड़ूंगा। इसलिए जरूरी है कि, जब एक बार हम भोजन करने का फैसला करते हैं, तो उस भोजन का आनंद लें, न कि इसके द्वारा होने वाले प्रभावों के बारे में सोचें। आइए, भोजन करने से पहले और भोजन करते समय कृतज्ञता और प्रेम की भावना रखें। हमेशा भोजन की क्वालिटी व क्वांटिटी सही नहीं हो सकती, इसे इंपोर्टेंस न दें- हमने अपने जीवन में कई बार स्वादिष्ट भोजन का आनंद लिया है, (और आगे भी लेते रहेंगे)। भोजन में कुछ कमियों की वजह से उसके प्रति हमारे सम्मान में बदलाव नहीं आना चाहिए।
प्रतिदिन खाया जाने वाला भोजन हमारे शरीर को पोषण प्रदान करता है। इसके लिए हम वही चुनते हैं जो स्वस्थ है। साथ ही, हम स्वादिष्ट भोजन का चुनाव भी कर सकते हैं, लेकिन अगर हम कहते हैं कि, हम कुछ स्पेसिफिक खाने से ही खुश होंगे, तो फिर हमारी खुशी हमारे भोजन पर निर्भर हो जाती है। इसलिए भोजन करते समय आराम से बैठें और अपने अंदर खुशी की महसूसता लाएं, जिससे आप अपने भोजन में भी खुशी की एनर्जी रेडिएट कर सकेंगे। कभी कभी हम कोई ऐसी चीज खाते हैं जो हमें स्वादिष्ट नहीं लगती तो, अक्सर हम चिड़चिड़ेपन की एनर्जी फैलाते हैं। हमारा खाना भले ही स्वादिष्ट न हो…लेकिन उसके प्रति ख़ुशी या चिड़चिड़ापन हम चूज करते हैं। प्रैक्टिस करें कि, आपका भोजन आपके दिमाग पर हावी न हो। भोजन करते समय, उसकी आलोचना करने से भोजन में नेगेटिव एनर्जी फैलती है, जो बाद में आपके दिमाग पर प्रभाव डालती है। आज से, अपने प्रत्येक भोजन से पहले, कुछ क्षण के लिए रुकें और स्वमान में टिकें कि, मैं भोजन ग्रहण करते समय खुश और शांत रहता हूं। और मैं अपनी आंतरिक खुशी से भोजन को ऊर्जावान बनाता हूं।
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हम सभी “श्री गणेश” के आगमन और जन्म को बड़ी आस्था और उत्साह के साथ मनाते हैं, और उनसे अपने जीवन के विघ्नों को नष्ट
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