आशीर्वाद/ दुआओं की सकारात्मक ऊर्जा (भाग 2)

आशीर्वाद/ दुआओं की सकारात्मक ऊर्जा (भाग 2)

आशीर्वाद देने का तरीका

आशीर्वाद; हमारे द्वारा क्रिएट किए गये शुद्ध और शक्तिशाली विचार या शब्द होते हैं। अपने किसी संस्कार को बदलने के लिए, अपने शरीर के स्वास्थ्य के लिए, अपने रिश्तों और काम के लिए हम स्वयं को आशीर्वाद दे सकते हैं। आशीर्वाद देने का अर्थ है कि, हम अपने जीवन में रिअली में जो चाहते हैं, जो फिलहाल अभी नहीं है, उसके बारे में विचार या शब्द क्रिएट करना है। यह एक एफरमेशन है जिससे एनर्जी रेडीएट होकर रिअलिटी का निर्माण करती है।

1) क्रोध के संस्कार को बदलने के लिए आशीर्वाद मैं आत्मा शान्त स्वरूप हूँ। मैं हर किसी को वैसे ही स्वीकार करता हूँ जैसे वे हैं। मैं गरिमा के साथ अपनी राय व्यक्त करता हूँ। मैं प्यार और अनुशासन से अपने सभी काम पूरे करता हूँ| शांति और धैर्यता मेरा ओरीजिनल स्वभाव है|

2) देर से आने के संस्कार को बदलने के लिए आशीर्वाद – मैं एक शक्तिशाली आत्मा हूँ। मैं वह बन सकता हूँ जो मैं बनना चाहता हूँ। मैं समय का बहुत पंक्चुअल हूँ और हमेशा समय से पहले पहुँच जाता हूँ।

3) अच्छे स्वास्थ्य के लिए आशीर्वाद – मैं पवित्र आत्मा हूँ। मेरे शरीर की हर सेल (कोशिका) प्यार और खुशी से भरी हुई है। मैंने पास्ट की सभी बातों को/ हर्ट को भुला दिया है। मेरा मन और शरीर पूर्णतयः स्वस्थ है।

4) किसी रिश्ते को ठीक करने के लिए आशीर्वाद मैं एक प्यारी आत्मा हूँ। मैं अपने सारे रिश्तों को बहुत प्यार से संभालता हूँ| किसी विशेष व्यक्ति के साथ मेरा आदर्श रिश्ता है। पहले की सभी नकारात्मक भावनाएँ ख़त्म हो गई हैं। अब हम एक-दूसरे के लिए केवल प्यार और स्वीकृति का ही आदान-प्रदान करते हैं।

इसी तरह से, हम अपने काम या जीवन की किसी भी अन्य स्थिति के लिए आशीर्वाद क्रिएट कर सकते हैं। हर सुबह एक आशीर्वाद क्रिएट करें और कम से कम 5 बार इसे विजुवलाइज करें। और साथ ही सोने से पहले भी ये हमारे आखिरी विचार होने चाहिए| और हर एक घंटे में एक मिनट के लिए रुकें और उस आशीर्वाद को रिपीट करें। इस बात का भी ध्यान रखें कि, ऐसे विचार मन में न आने दें जो, क्रिएट किए गये आशीर्वाद के ऑपोजिट हों, भले वैसी ही नकारात्मक परिस्थितियां हमारे जीवन में मौजूद हों।

(कल भी जारी रहेगा…)

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