आध्यात्मिकता की शक्ति से नकारात्मक परिस्थितियों को कैसे पार करे (भाग 2)

November 18, 2023

आध्यात्मिकता की शक्ति से नकारात्मक परिस्थितियों को कैसे पार करे (भाग 2)

जीवन में आने वाली विभिन्न प्रकार की कठिन समस्याओं के कारण हमारा उत्साह कम हो सकता है और हम आंतरिक रूप से कमजोर भी हो सकते हैं। इस तरह से जीवन जीना एक कठिन यात्रा के समान है, इससे बचने के लिए हम आध्यात्मिकता के साथ जुड़कर उसके कई लाभों की मदद ले सकते हैं। लेकिन अध्यात्म एक ऐसी तकनीक है जिसमें न केवल शब्दों और कर्म के लेवल पर, बल्कि उससे भी गहरे सूक्ष्म लेवल पर अपने थॉट्स, भाव और भावनाओं पर भी शासन किया जा सकता है। यह तकनीक हमें सिखाती है और शक्ति देती है कि, कैसे किसी कठिन परिस्थिति के समय हम अपने नकारात्मक और अनावश्यक विचारों पर ब्रेक लगा सकते हैं। परंतु यहां एक बात समझनी बहुत जरूरी है कि यह अपने मन को दबाने और सिर्फ यह कहने के बारे में नहीं है कि आज से मैं क्रोध नहीं करूंगा या सबके साथ प्रेम और नम्रता का व्यवहार करूंगा और फिर कुछ समय बाद वापस अपने नकारात्मक स्वरूप में आ जाएं। तो यह इस तरह से काम नहीं करता है। बल्कि जब हम आध्यात्म के द्वारा पूरे संसार की सर्वोच्च आध्यात्मिक शक्ति के स्रोत – परमपिता परमात्मा से जुड़कर, उनकी आध्यात्मिक शक्तियों को स्वयं में भरकर, अपनी नकारात्मक भावनाओं को सकारात्मक भावनाओं में बदलने के बारे में है। अध्यात्म में परमात्मा के साथ इसी कनेक्शन को मेडिटेशन कहा जाता है।

 

इसके साथ ही मेडिटेशन केवल हमारे विचारों को कम करके अपने मन को आराम देने के बारे में नहीं है, बल्कि कठिन परिस्थितियों के समय हमारे मन में चलने वाले नेगेटिव थॉट्स को पॉजिटिव थॉट्स में बदलने के बारे में है। तो, आध्यात्मिक शक्ति एक ऐसी ताकत है जो न केवल हमारे आध्यात्मिक ज्ञान को, बल्कि हमारे सोचने और व्यवहार करने के तरीके को बदलने में भी मदद करता है। याद रखें, हमें अपने व्यक्तित्व को बदलने की जरूरत है जिससे हमारे थॉट्स और इमोशंस ऑटोमैटिकली बदलने लगेंगे क्योंकि वे हमारे व्यक्तिव पर ही डिपेंड करते हैं।

(कल भी जारी रहेगा…)

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