आध्यात्मिकता की शक्ति से नकारात्मक परिस्थितियों को कैसे पार करें (भाग 3)

November 19, 2023

आध्यात्मिकता की शक्ति से नकारात्मक परिस्थितियों को कैसे पार करें (भाग 3)

हम अपने जीवन में आने वाली हर परिस्थिती को, अपनी अवेयरनेस को प्रभावित किए बिना ही दूर कर सकते हैं। जैसे कि दुनिया में कहावत है कि परिस्थितियों को हंस कर सहन करो और उनके दबाव में मत आओ। हम सभी जानते हैं कि परिस्थितियों का दबाव हमारे मन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है और हमारी सोच को इस हद तक प्रभावित करता है कि हमें अपने मन और विचारों को उस परिस्थिति से हटाने में मुश्किल होती है। जैसे कि एक उदाहरण के तौर पर: कोई कहता है कि मैं अपने ऑफिस कलीग के साथ चार दिन पहले हुए झगड़े को नहीं भूल पा रहा हूं और मेरा मन उसी सोच में डूबा हुआ है। या फिर कोई दूसरा व्यक्ति कह सकता है कि, आज अपने किसी करीबी रिश्तेदार की मृत्यु की बुरी खबर सुनकर मैं बहुत उदास हूं। तो क्या यह एक नेचुरल इंस्टिंक्ट नहीं है? जिसमें किसी परिस्थिति के समय मैं हमेशा ऐसे अलग और नेगेटिव तरीके से ही महसूस करूंगा।

तो यहां सवाल यह है कि मैं सकारात्मक बने रहने की नेचुरल इंस्टिक्ट के लिए खुद को कैसे ट्रेंड करूं? तो यह हमारे जीवन में आने वाली कठिन परिस्थितियों के समय स्टेबिलिटी का अभ्यास करने से, समय और अनुभव के साथ-साथ बढ़ता जाएगा। इसको ऐसे भी समझ सकते हैं कि मन का स्थिर न होना; बिना पतवार के उस जहाज की तरह है, जो दिशाहीन होकर अशांत समुद्र में डूब सकता है। उसी प्रकार आध्यात्मिक शक्ति की पतवार हमें नकारात्मक परिस्थितियों को भी आसानी से पार करने में सक्षम बनाएगी। यह सिर्फ कहने के बारे में नहीं है कि मैं शक्तिशाली हूं और फिर नकारात्मक सोच के साथ वही गलतियाँ दोहराता रहूं। इसलिए जब तक मेडिटेशन के अभ्यास द्वारा हम अपनी आत्मा को शक्तिशाली नहीं बनाते हैं, तब तक हम कभी भी सकारात्मक सोच रखने वाले व्यक्ति नहीं बन पाएंगे, भले ही हम सकारात्मक बनने और नकारात्मकता से दूर रहने के लिए कितने भी दृढ़ संकल्पित क्यों न हों। हमारे मन की शक्ति; हमारे अंदर विश्वास, धैर्य, दृढ़ संकल्प, सहनशीलता और स्थिरता के सकारात्मक संस्कार भी पैदा करेगी, जो किसी भी कठिन परिस्थिति के समय हमारी मदद करेंगे जिसके परिणामस्वरूप, हम नकारात्मक परिस्थितियों को हल्केपन और सहजता से पार कर सकेंगे। 

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