31st jan 2025 soul sustenence hindi

January 31, 2025

आइए इंसान बने, इंसानी मशीन नहीं (भाग 1)

हम सभी फ़रिश्ते इस दुनिया में एक विशेष उद्देश्य के लिए जन्मे हैं! क्या आपने कभी सोचा है कि सुबह से रात तक; तैयार होना, काम पर जाना, खाना बनाना और अंत में सो जाना जैसे दैनिक कार्यों के अलावा भी हमारे जीवन का एक उच्च और दिव्य उद्देश्य है? उदाहरण के लिए, अपने घर की किसी मशीन, माना एयर कंडीशनर को देखें। जब हम उसे चालू करते हैं, तो वह काम करता है और बंद करने पर बंद हो जाता है। जब वह बंद होता है, तो कभी यह नहीं सोचता कि उसे कुछ और करना चाहिए। तो क्या उसका कोई उच्च उद्देश्य है? नहीं। और एक दिन ऐसा आता है जब वह बेकार हो जाता है और हमेशा के लिए काम करना बंद कर देता है। लेकिन, हम सबसे पहले इंसान हैं, नाकि काम करने वाले इंसान वा मशीन। काम करने वाले इंसान बिना किसी उच्च उद्देश्य के दिनभर अलग-अलग काम करते हैं। लेकिन इंसान होने का रियल मतलब है कि आवश्यक कार्य करते हुए भी, अपने वास्तविक अस्तित्व का ध्यान रखना। तो, आज से मशीन न बनें। जब भी अपने काम पर जाएं, परिवार और दोस्तों का ध्यान रखें, तो यह सोचें और समझें कि एक दिन हमें यह शरीर छोड़कर जाना होगा और हम अपने साथ कुछ नहीं ले जाएंगे। उस समय न तो ये आर्थिक सफलताएं, न पेशेवर उपलब्धियां, न खूबसूरत रिश्ते, और न ही बाहरी व्यक्तित्व हमारे साथ जाएगा।

 

इसके लिए, एक मिनट के लिए रुकें और स्वयं से कहें कि मैं अपने बेटे, बेटी, पति या पत्नी से प्यार करता हूं, लेकिन एक दिन जब मैं इस भौतिक शरीर को छोडूंगा वे मेरे साथ नहीं होंगे। मेरे लिए जीवन का उद्देश्य उनका ध्यान रखना है। लेकिन मेरा उच्च और दिव्य उद्देश्य; अपने अंदर के अस्तित्व, अपने संस्कारों, अपनी आत्मा का ध्यान रखना, जिन्हें मैं अपने साथ लेकर जाऊंगा। तो हर सुबह दृढ़निश्चय करें कि मैं अपने अंदर के अस्तित्व को सुंदर बनाने का चयन करता हूँ और पूरे दिन सभी को खुशी देता हूँ। मैं अपने कार्यों में कुशल रहूंगा लेकिन ऐसे कर्म करूंगा, जो मुझे सबकी शुभकामनाएं दिलाएं। मैं एक ऐसा दर्पण बनूंगा जिसमें हर कोई सकारात्मकता देख सके और बेहतर इंसान बनने की प्रेरणा पा सके। क्यों? क्योंकि आप विशेष हैं, एक विशेष आत्मा, नाकि केवल काम करने वाली इंसानी मशीन।

(कल जारी रहेगा …)

18 march 2025 soul sustenance hindi

नकारात्मक विचारों को आध्यात्मिक शक्ति से बदलना (भाग 3)

आंतरिक शक्ति विकसित करने के लिए दृढ़ संकल्प और सकारात्मक सोच जरूरी है। जानिए कैसे संस्कार बदलकर, मेडिटेशन और ईश्वर से जुड़कर अपनी आत्मशक्ति को मजबूत बनाएं।

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