अच्छाईयों की अपनी ओरिजिनल स्टेट में वापस आएँ (भाग 1)

July 16, 2024

अच्छाईयों की अपनी ओरिजिनल स्टेट में वापस आएँ (भाग 1)

हमारे जीवन का एक बहुत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली पहलू यह है कि हम अपने हर थॉट को अपने एक्शन द्वारा जीते हैं। आमतौर पर कहा जाता है- “जो उपदेश हम दूसरों को देते हैं, पहले हमें उसे अप्लाई करना चाहिए।” दूसरे शब्दों में, हमारे पास कई आदर्श विचार और अच्छे दृष्टिकोण होते हैं, जिनपर चलने के लिए हम उन्हें बेंचमार्क मानते हैं। लेकिन कभी-कभी, जब हम कार्य कर रहे होते हैं, तो वास्तव में इन बेंचमार्क को फॉलो नहीं करते हैं, जिससे न केवल हम खुद को निराश करते हैं और दुख देते हैं, बल्कि इससे दूसरों को भी परेशानी होती है और उन्हें दुख पहुँचता है।

 

उदाहरण के लिए, आज मैंने तय किया है कि मैं किसी भी कीमत पर खुश रहूंगा और दूसरों को भी खुश रखूँगा। लेकिन जैसे ही मुझे किसी कठिन स्थिति या समस्या का सामना करना पड़ता है, मैं चिंतित होने लगता हूँ और दूसरों को भी वही एनर्जी रेडिएट करता हूँ। इसी तरह, किसी दूसरे दिन मैंने अपने जीवन में यह लक्ष्य रखा कि मैं दूसरों के लिए केवल अच्छे विचार रखूंगा। लेकिन जैसे ही मुझे किसी के नकारात्मक व्यवहार का सामना करना पड़ता है तो मैं अपने दिल के स्नेह को कहीं खो देता हूं और न केवल उस व्यक्ति के बारे में नकारात्मक सोचता हूं, बल्कि दूसरों से भी उस व्यक्ति के बारे में नकारात्मक बोलता हूँ। इससे मेरे रिश्ते खराब हो जाते हैं। तो, इनके अलावा और भी कई ऐसे बेंचमार्क हैं जिन्हें हम अपने मन में तो रखते हैं और हर दिन उन्हें पूरा करने की कोशिश भी करते हैं। कभी-कभी हम ऐसा करने में सफल हो जाते हैं और कभी-कभी ऐसा नहीं कर पाते। तो इसका पीछे कारण क्या है? क्या हम अच्छे दिल वाले नहीं हैं? बेशक, आपने पाया होगा कि कुछ लोग ज्यादा अच्छे हैं। लेकिन, आध्यात्मिक ज्ञान के अनुसार हर कोई वास्तविकता के अनुसार अच्छा ही होता है। और साथ ही, जीवन के किसी न किसी समय पर, हर कोई अच्छा बनना चाहता है। कुछ लोग अपनी जिंदगी में अच्छाई लाने के बारे में गंभीर होते हैं और कुछ केवल इस बदलाव के बारे में सोचते हैं लेकिन इसे अपने व्यक्तित्व में दृढ़ता से नहीं ला पाते।

(कल जारी रहेगा…)

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