अच्छाईयों की अपनी ओरिजिनल स्टेट में वापस आएँ (भाग 3)

July 18, 2024

अच्छाईयों की अपनी ओरिजिनल स्टेट में वापस आएँ (भाग 3)

अच्छाई की अपनी ओरिजिनल स्टेट यानि कि वास्त्विक्ता में लौटने के लिए, हमें आध्यात्मिक शक्तियों और सकारात्मकता के एक हाई सौर्स यानि कि परमात्मा से जुड़ना होगा। दूसरों से प्रेम और खुशी मांगना ठीक वैसे ही है जैसे कि कस्तूरी मृग; जिसकी नाभि में ही वह सुगंध होती है जिसे वह बाहर खोजता रहता है। ऐसे ही हमारे अंदर ही सभी खजाने मौजूद हैं। आत्मा  को अपने ओरिजिनल स्वरूप का अनुभव और एहसास करने के लिए; ज्ञान और शक्तियों रूपी खजाने के सागर परमात्मा से जुड़कर स्वयं को भरपूर करना होगा। क्योंकि कई जन्मों की जर्नी के दौरान हमारे ये खजाने कम होते गए और उतना ही अधिक हम अपनी सच्ची खुशी को खोते चले गए। इसके साथ ही, हम कई गलत संस्कारों या व्यक्तित्व विशेषताओं से भी बोझिल होते गए और हमारे द्वारा कई जन्मों में किए गए गलत कर्म के कारण ये विशेषताएँ हमारे व्यक्तित्व का हिस्सा बनती गईं।


तो अब, समय की पुकार है कि, हम सर्वोच्च आत्मा यानि कि परमात्मा, जो इस संसार के हर आत्मा के सर्वोच्च माता-पिता हैं उनसे जुड़ें और अपने सभी सकारात्मक गुणों को पुनः प्राप्त करें। इससे हम आध्यात्मिक स्तर पर, आंतरिक रूप से शक्तिशाली होते जाएंगे। जितना अधिक हम ऐसा करेंगे, उतना ही अधिक हम स्वयं की रियल स्टेट में लौट आएंगे, जैसे जब हम इस भौतिक दुनिया के ऊपर आत्मा जगत की दुनिया से आए थे। साथ ही, यह केवल फिर से शुद्ध और सकारात्मक बनकर नया जीवन शुरू करने का समय नहीं है, बल्कि पवित्र बनकर कुछ समय के लिए, पहले आत्मा जगत में लौटने का भी समय है। इसके बाद, हम इस दुनिया में कई जन्मों और पुनर्जन्मों के नए चक्र की शुरुआत करेंगे। आत्मा एक्शन, इंटरक्शन और संबंधों से भरी हुई इस दुनिया में उतरने से पहले, आत्मा जगत में थोड़े समय के लिए विश्राम अवस्था में रहती है, इसलिए इसे आत्मा की वापसी की यात्रा कहा जाता है और इसके बाद जन्म और पुनर्जन्म का चक्र फिर से दोहराया जाता है।

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