May 5, 2025

अहंकार पर काबू पाएं

हम सभी अहंकार पर काबू पाना चाहते हैं, लेकिन क्या हम जानते हैं कि अहंकार क्या है? अहंकार माना; जब हम अपनी किसी प्राप्त/ अर्जित वस्तु से अपनी पहचान बना लेते हैं। यह हमारी योग्यता, पद, कार्य-कुशलता, संबंध या संपत्ति से रिलेटेड हो सकती है। हम उनसे जुड़कर इस एवेअरनेस के साथ जीते हैं कि, मैं यह हूं या मैं वह हूं। फिर हम लोगों से भी वही उम्मीद करते हैं कि, वे भी हमें उस पहचान से ही जानें और समझें। जब हम कहते हैं कि, उसने मेरे अहंकार को चोट पहुंचाई, तो वास्तव में हमारा मतलब होता है कि, उसने मेरी पहचान को नुकसान पहुंचाया है।

आइये देखें कि, आप इस एवेअरनेस के साथ; अहंकार पर कैसे विजय पा सकते हैं, कि आप वास्तव में कौन हैं। आपके पास कुछ हो या न भी हो, इससे पैदा होने वाले अहंकार को खत्म करने के लिए नीचे बताये गये स्वमानों को हर रोज दोहराएं। फिर आप देखेंगे कि, जैसे-जैसे आप अहंकार से विनम्रता की ओर बढ़ते हैं, आप लोगों से प्यार और सम्मान की चाहना रखना बंद कर देते हैं। और आप दूसरों को अपना प्यार देना और उन्हें स्वीकार करना शुरू कर देते हैं।

एफरमेशन –

मैं एक शुद्ध आत्मा हूँ…. मैं अपने ओरिजिनल स्वरूप को जानने वाली आत्मा हूं… मैं अपनी पहचान के प्रति जागरूक हूं… मैं कई भूमिकाएं निभाती हूं… मैं इस जीवनकाल में बहुत कुछ हासिल करती हूं… लेकिन मैं वह नहीं हूं जो मैं हासिल करती हूं… वे मेरे द्वारा हासिल किए गये हैं… लेकिन मैं वो सब नहीं हूं…. मैं एक शुद्ध, शक्तिशाली, प्रेमपूर्ण, प्रसन्न आत्मा; एक एनर्जी हूं… जिसने सब कुछ हासिल कर लिया है… मुझे पता है… कि मैं एक नाम नहीं हूं… शरीर भी नहीं हूं… रिश्ते – नाते, संबंध नहीं हूं… कोई डिग्री नहीं हूं… पद नहीं हूं… मैं सिर्फ मैं हूं… एक पवित्र आत्मा हूं… और ऐसा ही हर कोई है जिससे मैं मिलती हूं, बातचीत करती हूं…. मुझे कुछ भी खोने का डर नहीं है….. मेरे पास जो कुछ है, मैं उसकी ट्रस्टी हूं… मैं उनकी देखभाल करती हूं… लेकिन मैं वह सब नहीं हूं…. मैं विनम्र हूं… मैं हल्की और शुद्ध हूं… मैं किसी पद या प्रतिष्ठा के अहंकार में नहीं हूं…. कोई भी मुझसे छोटा नहीं है… कोई भी मुझसे श्रेष्ठ नहीं है… हर कोई समान है… हर कोई एक शुद्ध, शक्तिशाली आत्मा है… मुझे लोगों को अपने तरीके से चलाने की आवश्यकता नहीं है… वे अपने अनुसार चल सकते हैं… मैं सही तरीके से अपने अनुसार चलती हूं … मैं विनम्रता और शक्तियों से भरपूर हूं… मैं जानती हूं कि मैं कौन हूं… मैं किसी से तुलना नहीं करती… मैं प्रतिस्पर्धा नहीं करती… मैं अपनी इस यात्रा का आनंद लेती हूं… मेरे इमोशन्स मेरे हैं… लेकिन मैं उन पर निर्भर नहीं हूं…. मुझे कुछ नहीं चाहिए… मैं सबको प्यार और खुशियाँ देती हूँ।

22 May 2025 soul sustenance Hindi

सत्यता हमारे मौलिक गुणों में से एक है। जानिए कैसे झूठ से दूर रहकर, ईमानदारी और सच्चाई से भरा जीवन जी सकते हैं – शक्ति, शांति और सरलता के साथ।

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काम और ज़िम्मेदारियों के बीच बच्चों को समय न दे पाने का अपराधबोध सताता है? चिंता न करें। आपके विचार और भावनाएं ही बच्चों पर गहरा असर डालती हैं। शक्तिशाली सोच, आध्यात्मिकता और स्थिर ऊर्जा से न केवल आपका अपराधबोध कम होगा, बल्कि बच्चों के साथ संबंध भी सशक्त होंगे।

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