अपने अडेप्टेबिलिटी क्योशेंट (अनुकूलन भाग) को चेक करें

April 8, 2024

अपने अडेप्टेबिलिटी क्योशेंट (अनुकूलन भाग) को चेक करें 

जब भी हमें अपनी कोई आदत, लाइफस्टाइल, जॉब, घर, शहर, सोशल सर्कल या अपने थॉट, फीलिंग्स, स्वभाव को बदलना होता है, तो क्या हम इस बदलाव को आसानी से स्वीकार कर लेते हैं? हम एक ऐसे संसार मे रह रहे हैं, जहां पर लोग और इवेंट्स लगातार बदलते रहते हैं, ऐसे में अडेप्टबिलिटी हमारा एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण गुण है जो हमारे अंदर हमेशा होना चाहिए। आइए इसके बारे में गहराई से समझें:

 

1.जिस काम को हम बार-बार करते हैं वो हमारी आदत बन जाता है। और एक बार जब हम ये आदत बना लेते हैं कि हम कौन हैं, क्या करते हैं, किस तरह कार्य करते हैं, कहाँ रहते हैं, किसके साथ बातचीत करते हैं इत्यादि तो हम स्वयं को एक कम्फर्ट जोन में सेट कर लेते हैं। लेकिन जरूरी यह है कि, जिस दिन इनमें से कुछ भी बदलता है, तब हमें खुद को उस नई रिएलिटी में ढालना होता है और हम कितनी इच्छा शक्ति से खुद को ढाल पाते हैं।

 

2.जब हमारे आसपास बदलाव होता है, तब हमारे भीतर भी उस बदलाव को एक्सेप्ट करने की जरूरत होती है। हो सकता है कि हमारा मन कहे कि-मुझे ये बदलाव पसंद नहीं है। ऐसे में हमें अपने मन को समझाने की जरूरत है कि हमने अपने जीवन में बहुत बदलाव किए हैं और यह भी एक बदलाव है।

 

3.अपने पुराने अनुभवों और बिलीफ के आधार पर, कम्फर्ट जोन से चिपके रहने की जगह, हमें फ्लेक्सिबल होने की जरूरत है। हमारे अंदर किसी भी व्यक्ति, स्थान, जॉब, किसी भी परिवेश और परिस्थिति में स्वयं को ढालने की शक्ति है। आप देखेंगे कि, थोड़े दिनों में ही ये बदलाव हमारा कम्फर्ट जोन बन जाएगा।

 

4.प्रतिदिन हमें अपनी सहन करने की, स्वीकार करने और समाने की शक्ति को बढ़ाने के लिए मेडिटेशन करना चाहिए। अपने पुराने और कड़े थॉट पैटर्न को तोड़ना ही स्वयं को ढालना है। हमें ये याद रखना चाहिए कि, खुद को ढालने की दिशा में हम बस सिर्फ एक थॉट और निर्णय लेने से दूर हैं।

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