
ईज़ी रहें, बिजी नहीं
“क्या आप हमेशा ‘मैं बहुत बिजी हूं’ कहते हैं? यह आदत आपकी कार्यक्षमता और खुशी को कैसे प्रभावित करती है, जानें। आइए, बिजी से ईज़ी बनने का मंत्र अपनाएं और समय की कमी से मुक्त होकर जीवन का आनंद लें!”
September 16, 2023
क्या हम सभी ये जानते हैं कि चिंता किसे कहते हैं या उसका रियल अर्थ क्या है? चिंता किसी विशेष परिस्थिति के समय, भविष्य में सबसे बुरे वा खराब परिणाम की कल्पना करने के साथ साथ; अपनी अवेयरनेस में इसकी एक ऐसी इमेज़ बनाए रखना कि, इसका परिणाम नकारात्मक ही होगा और उसकी नेगेटिव एनर्जी को अपने मन और बुद्धि के ऊपर हावी होने देने के बारे में है। और इस नेगेटिव एनर्जी की वजह से हम अपनी स्पिरिचुअल सेल्फ और फिजिकल सेल्फ को कमजोर करके स्वयं में भय पैदा करते रहते हैं।
जब लोगों से चिंता के विषय में पूछा जाता है, तो जो व्यक्ति अपने इस इमोशन को बहुत नेचुरल समझता है, और दिनभर में आने वाली अलग अलग परिस्थितियों में नियमित रूप से चिंता करने की आदत से ग्रसित है; उनके अनुसार; चिंता करना एक अच्छी आदत के साथ साथ ज़रूरी भी है, अगर हम जीवन में घटने वाले विभिन्न संभावित नकारात्मक परिणामों के बारे में नहीं सोचेंगे, तो हम उनके लिए अपने आप को तैयार कैसे करेंगे? लेकिन यहां यह समझना महत्वपूर्ण है कि, हमारी यह धारणा कि, भविष्य में आने वाली सबसे खराब परिस्थिति की तैयारी करने के लिए चिंता करना सही है, बिल्कुल गलत है। क्योंकि हमारी यह धारणा हमें इस सच का एहसास ही नहीं करने देती कि, हमारी सारी चिंताएँ एक गलत रचनाऐं हैं। और यह हमारे मन और बुद्धि की सकारात्मक, रचनात्मक और कल्पनाशील क्षमता का गलत उपयोग करना है, जो मन और बुद्धि को एमपावर करने के बजाय कमजोर कर देता है। अपने आने वाले भविष्य के लिए तैयारी करना महत्वपूर्ण और आवश्यक हो सकता है, लेकिन ऐसा करते समय अक्सर हम चिंता करने लगते हैं जोकि हमें कमजोर बनाता है और जीवन की परिस्थितियों में हरा देता है। लेकिन हमें यह समझना होगा कि, किसी बात के लिए पहले से जरूरी तैयारी करना और दूसरी ओर चिंता करना; के बीच में एक बेहद फाईन लाइन होती है। और यह तैयारी मन में गैर जरूरी संभावित नकारात्मक परिणामो के बारे में सोच न रखकर भी की जा सकती है।
(कल भी जारी रहेगा…)
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