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November 19, 2024
जब हमें किसी अपने द्वारा चोट पहुँचती है, तो यह अक्सर हमें अंदर से कमज़ोर कर देता है और हम यह महसूस करते हैं कि हमारी योग्यताओं पर सवाल उठाया गया है। इस कमज़ोरी से हमारे अंदर एक खालीपन पैदा होता है। आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, हमें यह डर सताता है कि भविष्य में और अधिक भावनात्मक नुकसान होगा, इसलिए हम क्रोध और नफ़रत को अपने अंदर पकड़े रहते हैं और दर्द को जिंदा रखते हैं। लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि दूसरों को माफ़ करना हमारे लिए इतना मुश्किल क्यों है? जब हमें चोट पहुँचती है, तो हम अक्सर उस व्यक्ति के साथ बहुत अधिक जुड़ जाते हैं जिसने हमें चोट पहुँचाई है। हम उस व्यक्ति को मानसिक रूप से बंदी बनाकर रखना चाहते हैं, बिना यह जाने कि इससे हम खुद भी उसी परिस्थिति में बंदी बन जाते हैं। ऐसी परिस्थितियों में, हम अपने रियल आत्मिक शुद्ध स्वरूप को भूल जाते हैं। हमें इस बात की स्मृति में रहना चाहिए कि एक शुद्ध आत्मा के रूप में हमारा वास्तविक घर; आध्यात्मिक घर यानि कि सोल वर्ल्ड है। हम सोल वर्ल्ड से इस संसार में आकर, कई जन्मों में कई शारीरिक रूप धारण करते हैं। इस यात्रा में, हम अनेकों आत्माओं के साथ संबंध बनाते हैं और कभी-कभी उन्हें चोट पहुँचाकर नकारात्मक कार्मिक खाते बनाते हैं। ऐसे में, आत्मिक स्मृति में रहने से, हमें यह याद रखने में मदद करता है कि जो भी परिस्थिति हमें चोट पहुँचाती है, वह वास्तव में हमारे द्वारा क्रिएट किए गए पुराने कार्मिक खातों को चुकता करने के लिए है, नाकि किसी संयोगवश हैं। यह कितना अद्भुत है कि जब हम इस दृष्टिकोण से परिस्थितियों को देखते हैं, तो सब कुछ बदल जाता है और दूसरों को माफ़ करना हमारे लिए आसान हो जाता है।
माफ़ करने का गुण, हमारे स्वभाव में पहले से मौजूद शांति, प्रेम और सत्य जैसे गुणों को सुंदरता से मिलाए जाने जैसा है। ये गुण जब नए तरीके से उभरकर हमारे मन की अनकही कैनवास पर क्षमा करने के सुंदर रंग में ढलते हैं, तब यह कला और भी रचनात्मक और संतुलन से भर जाती है। जैसे एक चित्र में कोई अंतिम स्टेज नहीं होती, वैसे ही रिश्तों में भी हम किसी अंतिम और स्थायी अवस्था में नहीं पहुँच सकते। माफ़ करना, एक बार किया गया जाने वाला काम नहीं है, बल्कि यह एक चक्र है, जिसमें क्रोध और कड़वाहट नहीं होती, बल्कि आनंद और सत्य होता है। हमें इस चक्र का हिस्सा बनने का विकल्प चुनना चाहिए।
(कल जारी रहेगा…)
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