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क्या सोशल मीडिया पर मिलने वाले लाइक्स और कमेंट्स आपकी पहचान तय करते हैं? जानें कि कैसे पब्लिक ओपीनियन से खुद को आज़ाद करें और डिजिटल लाइफ को बैलेंस में रखें।
October 28, 2024
क्या आपने कभी अपने मन के आंतरिक राज्य को देखा है जहाँ आपके विचार, भावनाएँ और इमोशंस आपके मंत्री होते हैं? क्या यहां आपको कानून का राज्य महसूस होता है या अराजकता का? क्या आपने कभी अपने आप से सोचा है कि-काश मेरे मन के राज्य में अधिक व्यवस्था और कम अराजकता होती! तो चेक करें कि क्या आपको कानून और व्यवस्था का राज्य बनाने से रोक रहा है? क्या ये बाहरी परिस्थितियाँ हैं या इन परिस्थितियों पर आपकी आंतरिक प्रतिक्रियाएँ? सिर्फ एक दिन के लिए यह छोटा सा अभ्यास करें, यह जाँचें कि एक दिन में जो हजारों विचार और भावनाएँ आप उत्पन्न करते हैं, उनमें से कितने आपके अपने रचनात्मक विचार हैं और कितने बाहरी घटनाओं की प्रतिक्रियाएँ हैं। यदि वे आपकी अपनी सकारात्मक रचना हैं या यदि वे घटनाओं की प्रतिक्रियाएँ हैं, लेकिन सही हैं, तो गर्व करें कि आपके मंत्री आपकी आज्ञा का पालन कर रहे हैं। क्या आप यह महसूस करते हैं कि जब ये विचार और भावनाएँ आपकी गलत प्रतिक्रियाएँ होती हैं और आपके मूल सही विचार नहीं होते हैं, तब वे मंत्री आपकी अवज्ञा कर रहे होते हैं और अराजकता पैदा कर रहे होते हैं?
एक राज्य जहाँ मंत्री, राजा यानि आप आत्मा की बार-बार अवज्ञा करते हैं, वह एक ऐसा राज्य है जहाँ शांति, प्रेम और आनंद का अभाव होता है। यहां राज्य हमारा मन है। यह एक ऐसा राज्य है जिसका सम्मान इसके लोग नहीं करते, जोकि विचारों, भावनाओं और इमोशंस के मंत्रियों द्वारा निर्देशित होते हैं। यहां लोग माना आपके एटिट्यूड्स, एक्सप्रेशन्स, शब्द और कर्म होते हैं। ये लोग भी नकारात्मक विचारों, भावनाओं और इमोशंस के प्रभाव में दुर्व्यवहार करते हैं। यह एक ऐसा राज्य है जहाँ राजा बाहरी परिस्थितियों का सामना हिम्मत से नहीं कर सकता और यह एक अस्थिर राज्य बन जाता है।
(कल जारी रहेगा…)
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