विचारों पर नकारात्मक प्रभाव से ऊपर उठना (भाग 1)
हमारे मन द्वारा कई प्रकार के विचार उत्पन्न किए जाते हैं, जिनकी तीव्रता, जागते या सोते समय उनकी संख्या अलग-अलग होती है, या फिर किसी
February 19, 2024
क्या आपने अपनी पास्ट लाइफ में की गई गलतियों से कुछ सीखने की उम्मीद से कभी झांकने की कोशिश करते हुए आखिर में, स्वयं को फंसा हुआ पाया है? और क्या आप इससे कुछ सीखते हैं या फिर पास्ट में हुई बातों के लिए आपको दुख होता है? अक्सर जब भी हम अपने पास्ट सीन को याद करते हैं, तो हम इस सोच में पड़ जाते हैं कि, ऐसा होना चाहिए था, ऐसा नहीं होने चाहिए था इत्यादि …और हम खुद के लिए और दूसरों के बारे में व्यर्थ स्क्रिप्ट लिखने लगते हैं कि- मैंने ऐसा क्यूँ किया? या उसे मुझे सपोर्ट करना चाहिए था, पर उसने नहीं किया? या उसे मेरी सलाह लेनी चाहिए थी। क्या आप जानते हैं कि, ऐसा करके हम बार-बार उस दर्द को दोबारा जीने लगते हैं, और इससे हमारी खुशियों और स्वास्थ्य पर भी विपरित प्रभाव पड़ता है। हम कुछ भी सीख नहीं पाते हैं, और हमारा फोकस स्वयं से हटकर दूसरों के बारे में जजमेंट करने और ब्लेम करने पर आ जाता है। अपने अतीत से सीखना माना, इस बात को समझना कि, पहले किसी सिचुएशन में हमने कैसे रिएक्ट किया था और अगली बार वैसी ही परिस्थिति आने पर, खुद को सही तरीके से रिस्पॉन्ड करने के लिए तैयार करना।
इसके लिए कुछ समय के लिए रुकें और देखें कि, पास्ट में घटी किसी भी घटना के प्रति आपने लास्ट टाइम जो कड़वाहट क्रिएट की थी, उसे कैसे पॉजिटिव तरीके से डील कर सकते हैं।
एफरमेशन
मैं ज्ञान से भरपूर आत्मा हूँ। मैं हमेशा अपनी वर्थ को सम्मान देता हूँ और एक्सेप्ट करता हूँ। क्योंकि कई बार मैंने किसी सहकर्मी के बारे में गलत ठीक सोच रखी थी … परिवार के किसी सदस्य के साथ गुस्से से व्यवहार किया …बिजनेस में मेरे द्वारा लिए गए निर्णय गलत साबित हुए…. मैं बिना किसी गिल्ट और शर्म के उन सभी की ज़िम्मेदारी लेता हूँ… मैं खुद को माफ़ कर देता हूँ और उन इवेंट से संबंधित सारी नेगेटिविटी को रिलीज कर देता हूँ। उन बातों से सीख लेने के लिए, मैं उन सीन को सिर्फ ये चेक करने के लिए देखता हूं कि, मैं कैसे रिस्पॉन्ड कर सकता था… नाकि दूसरे किस तरह से इस स्थिति में बिहेव कर सकते थे। मैं अपने मन की स्क्रीन में देखता हूँ कि- मैं उस समय क्या सोच सकता था, क्या बोल सकता था और कैसा व्यवहार कर सकता था? मैं अपने मन में उस सीन को वापस रिहर्स करता हूँ…. और पूरी तरह से अपनी स्क्रिप्ट पर फोकस करता हूँ। मैं इससे सीखता हूँ और पॉजिटिवली आगे बढ़ता हूँ, खुद को और दूसरों को माफ़ करता हूँ। मैं स्वयं को सेल्फ ट्रांसफॉर्मेशन की दिशा में आगे बढ़ाता हूँ और अगली बार सही तरह से रिस्पॉन्ड करने के लिए तैयार करता हूँ। मैं अपनी कल की गलतियों को आज में कैरी फॉरवर्ड नहीं करता। मैं सिर्फ और सिर्फ इस मोमेंट को देखता हूँ। किसी सीन में अगर कोई मेरे प्रति सही नहीं था, फिर भी मैं खुद को उनसे अलग नहीं करता। मैं सिर्फ खुद को अपने पास्ट रिएक्शन से अलग करके देखता हूँ। मैं खुद के और उनके प्रति नेगेटिव फीलिंग्स को रिलीज करता हूँ। मैं अपनी समाने की शक्ति और अनुकूलन क्षमता को बढ़ाता हूँ। मैं हमेशा सीखने और खुद को इंप्रूव करने की ओर कदम बढ़ाता हूँ।
हमारे मन द्वारा कई प्रकार के विचार उत्पन्न किए जाते हैं, जिनकी तीव्रता, जागते या सोते समय उनकी संख्या अलग-अलग होती है, या फिर किसी
जीवन की महत्वपूर्ण सीख में से एक सीख यह है कि हम कभी-कभी असफल भी हो सकते हैं, चाहे हम कितनी भी मेहनत करें। हमें
हमारी ज़िंदगी में अलग-अलग प्रकार की परिस्थितियां आती रहती हैं। अक्सर हम खुद को नकारात्मक परिस्थितियों से प्रभावित होते हुए पाते हैं और हमारी आंतरिक
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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