अपने व्यक्तित्व में सत्यता लाएँ (भाग 3)

April 12, 2024

अपने व्यक्तित्व में सत्यता लाएँ (भाग 3)

अधिकतर अलग-अलग तरह के लोगों के साथ व्यवहार करते समय, हमारे व्यक्तित्व में बहुत सारे नकारात्मक लक्षण व कमजोरियां आ जाती हैं जिससे हमारे अच्छे गुण कभी-कभी छिप जाते हैं। ऐसी परिस्थितियों में अक्सर लोग हमें गलत समझने लगते हैं, हालांकि हम कई मायनों में सच्चे होते हैं और हम खुद को भी वैसे ही देखते हैं, पर हमारे व्यक्तित्व की एक या दो कमजोरियां, हमारे अच्छे स्वभाव की छवि को खराब कर देती हैं। हम दिल से तो अच्छा होना चाहते हैं और होते भी हैं, परंतु इन कमजोरियों के छोटे-छोटे पहलू; जिनकी संख्या नहीं के बराबर है, उनकी वजह से हम नेगेटिव स्वभाव वाले नजर आते हैं। एक सच्चे स्वभाव का होना माना; हमारे अंदर सारे गुण और विशेषताएँ 100% मौजूद हों और जिसकी हर कोई हमेशा प्रशंसा करे। क्योंकि; सच का शाब्दिक अर्थ सिर्फ ईमानदार होना नहीं है जैसा कि हम सब मानते आए हैं बल्कि हमारे चरित्र में पूर्ण पवित्रता, सच्चाई-सफाई और अच्छाई का होना भी जरूरी है।

 

साथ ही, एक सुन्दर और सच्चे स्वभाव का मतलब है जो अच्छे होने का दिखावा न करे बल्कि दिल की गहराईयों से अच्छा हो। कोई भी व्यक्ति ऐसे व्यक्ति को पसंद नहीं करता जो सिर्फ बाहर से अच्छाई का दावा करे, और आपके पीठ पीछे आपके बारे में निगेटिव बातें करे। यह लोगों को अलग-अलग चेहरा दिखाने जैसा है, जैसा कि लोग हमें समझते हैं। नेचुरली हम अपने मित्रता और पारिवारिक संबंधों में भी ऐसा देखते आए हैं कि, हम अपने से करीबी लोगों के साथ दूसरों के व्यवहार के बारे में नेगेटिव बातें शेयर करते हैं और हम इसे ठीक भी मानते आए हैं, क्योंकि हम जिनके बारे में बात कर रहे हैं वे लोग वहां उपस्थित नहीं हैं। पर यहां इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि, हमारे शब्द तो उन तक नहीं पहुंच रहे हैं लेकिन हमारे थॉट और फीलिंग्स उन तक जरूर पहुंचती हैं। इसलिए हमें सिर्फ लोगों के सामने ही नहीं बल्कि उनके पीठ पीछे भी अच्छा सोचना और बोलना है। यही हमारे स्वभाव की सच्चाई और ईमानदारी है।

नज़दीकी राजयोग सेवाकेंद्र का पता पाने के लिए

20th jan 2025 soul sustenence hindi

आपकी इच्छाशक्ति आपकी सबसे बड़ी ताकत है

क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।

Read More »
19th jan 2025 soul sustenence hindi

लोगों की आलोचनाओं पर ध्यान न दें

क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।

Read More »
18th jan 2025 soul sustenence hindi

ब्रह्माकुमारीज का 7 दिवसीय कोर्स (भाग 6)

क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।

Read More »