अपनी असफलताओं को सकारात्मक और शक्तिशाली ढंग से एक्सेप्ट करें

March 11, 2024

अपनी असफलताओं को सकारात्मक और शक्तिशाली ढंग से एक्सेप्ट करें

जीवन का मुख्य सबक ही है कि, चाहे हम कितनी भी मेहनत कर लें या कितना भी ये सोचें कि हम असफल न हों, लेकिन हम सभी कभी न कभी असफल होते ही हैं। पर इससे भी अच्छी बात ये है कि, हम सब अपनी असफलताओं को स्वीकार करके और पुनः प्रयास करके उन असफलताओं के बाद भी अपनी कमजोरियों को ताकत में बदलने की छमता रखते हैं। नहीं, तो किसी भी असफलता या किसी अधूरे लक्ष्य का प्रेशर हमारी वेल बीइंग में बाधा डाल सकता है। हम में से कई ऐसा सोचते हैं कि, जीवन एक कंपटीशन है और सफलता ही हमारी खुशियों की चाबी है। और इन गलत धारणाओं के चलते ही हम अपनी असफलताओं से डरने लगते हैं। हम अपनी असफलताओं को अपना शिक्षक न मानकर, उन्हें अपना शत्रु मान बैठते हैं और उनसे कुछ भी सबक नहीं लेते। परंतु हमें यह कहावत याद रखनी चाहिए कि जब हम असफल होते हैं, तो उनसे प्राप्त अनुभव और सीख ही हमारे लिए ईनाम हैं। आइए इसके पीछे के इंपोर्टेंट पहलुओं को जानें:

 

  1. अपनी गलतियों और असफलताओं के लिए दुःख न मनाएं क्योंकि, ये हमारे अंदर इस भावना, कि मैं अच्छा नहीं हूं को जन्म देता है। और इसके विपरित, जिस पल हम ये समझ जाते हैं कि, हमसे कुछ गलत हो गया है, उस पल से ही हम अपनी उस गलती को सुधार सकते हैं या फिर अगली बार उसे दोहराए बिना सही तरह से कर सकते हैं। लेकिन असफल होने पर ये सोच कि मैं इतना अच्छा नहीं हूं, हमारे आत्म सम्मान को कम करता है।
  2. प्रतिदिन खुद से बात करें और अपने विचारों और भावनाओं की ज़िम्मेदारी लें। इससे आप ये समझ पाएंगे कि, आपकी सेल्फ वर्थ आपकी सफलताओं पर निर्भर नहीं है। आपके मन की सच्ची शांति और खुशियां आपके ही अंदर हैं, जिन्हें आप खुद अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए क्रिएट कर सकते हैं, न कि ये कोई ऐसी भावनाएं हैं जो अपने लक्ष्य को हासिल करने के बाद अनुभव की जाएं। 
  3. असफलताओं को अवॉइड नहीं किया जा सकता है। ये जरूरी है कि, हम खुद की चेकिंग करें कि, क्या हम अपना बेस्ट दे रहे हैं या नहीं। अगर ऐसा है, तो जो भी परिणाम हो, उसे पूरी तरह से स्वीकार करें। असफलताओं से अनुभव लें, सीखें और खुद से वादा करें कि, हम दोबारा ये गलती नहीं करेंगे। मन से कमज़ोर होकर, स्वयं को दोष देकर, मन में प्रश्न उठाकर या अपराध बोध में न जाएं और अपनी एनर्जी को बचाएं। बल्कि उसे बचा कर खुद को मज़बूत करें और जीवन में आगे बढ़ें।
  4. इस बात को समझें कि, लोग और परिस्थितियां हमारे कंट्रोल में नहीं होती हैं। लेकिन उनके प्रति हमारा रिस्पॉन्स हमारे कंट्रोल में होता है। और हम असफल तब होते हैं जब हम गिवअप कर देते हैं, न कि तब, जब हम दोबारा कोशिश करने के लिए तैयार होते हैं।
  5. लक्ष्य बनाएं और उसे हासिल करने के लिए बनाई गईं योजनाओं का दृढ़ता से पालन करें और अपनी सफलताओं को इंजॉय करें। पर कभी भी अपने लक्ष्य और उसके परिणाम को अपनी शारीरिक और भावनात्मक वेल् बीइंग से ऊपर न रखें।

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