
क्या सोशल मीडिया पर लाइक करना मायने रखता है?
क्या सोशल मीडिया पर मिलने वाले लाइक्स और कमेंट्स आपकी पहचान तय करते हैं? जानें कि कैसे पब्लिक ओपीनियन से खुद को आज़ाद करें और डिजिटल लाइफ को बैलेंस में रखें।
August 17, 2024
हम सभी व्यवस्थित जीवन अपनाना चाहते हैं। स्वच्छता और सुव्यवस्था हम सभी के मूल संस्कार हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि हमारे चारों तरफ सब कुछ साफ़ सुथरा हो-हमारा घर, ऑफिस, वर्कडेस्क, कंप्यूटर और फोन पर हमारी फाइलें, हमारी अलमारी, गार्डन इत्यादि। कई लोग के पास नियमित रूप से स्पेसिफिक सफाई कार्यक्रम भी होता है। यहां तक कि, जब हम चारों तरफ चीज़ों को बिखरा हुआ पाते हैं, तो हम उन्हें तुरंत व्यवस्थित करना पसंद करते हैं। लेकिन कितनी बार हम अपने अंदर के क्लैटर को साफ़ करते हैं? हमने आखिरी बार अपने मन को कैसे व्यवस्थित किया था कि, जैसे हम अपने विचारों या भावनाओं का उपयोग करना चाहते हैं, हम उन तक तुरंत पहुच सकें। हमारा मन सही और गलत विचारों का भंडार है। कभी-कभी जब हम किसी गतिविधि पर कार्य कर रहे होते हैं, हमने ये महसूस किया होगा कि हमारा मन इधर-उधर भटकता है और या तो जो कार्य हम कर रहे होते हैं उसके बारे में या कार्य से संबंधित अतीत के अनुभव, कार्य से जुड़े हुए लोगों के बारे में, या पूरी तरह से असंबंधित कार्य के बारे में बहुत सारे विचार पैदा करता है। इससे हमारे आउटपुट की क्वालिटी पर भी इसका असर पड़ता है। जब तक कार्य करते समय हम अपनी स्थिति पर ध्यान नहीं देते हैं, तब तक हम ये नहीं समझ सकते कि हमें थकावट क्यूँ महसूस हो रही है या किसी कार्य को पूरा करने में इतना समय क्यूँ लग रहा है?
अधिकतर प्रोफेशनल प्रतिदिन 8-10 घंटे का समय अपने कार्यस्थल पर बिताते हैं। ऐसे में हमें थोड़ा रुक कर अपने प्रोडक्टीव घंटों के बारे सोचना चाहिए। क्योंकि, यह मन और बुद्धि के सन्दर्भ में हमारी इमोशनल हेल्थ के लिए एक अच्छा इंडिकेटर है। हममें से कई लोगों को हर एक मिनट बाद अपने फोन या कंप्युटर को सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर पोस्ट किए गए मैसेज को पढ़ने की आदत होती है। इसलिए न सिर्फ हमारे गैजेट्स बल्कि हमारा मन भी जानकारी से भर जाता है। ये इन्फॉर्मेशन ही हमारे विचारों का स्रोत है इसलिए हमारा मन उसी क्वालिटी के बहुत सारे विचार क्रिएट करने लगता है और इससे हमारी आंतरिक शक्ति घटती है। दिन में नियमित रूप से, सकारात्मक जानकारी लेने से और अनावश्यक जानकारी से दूर रहने से, हम हर कदम पर अधिक फोकस्ड, मानसिक रूप से बिना थके हुए और ऐक्टिव रहते हैं जिससे हमारे काम में दक्षता आती है।
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