भरपूरता का दृष्टिकोण

January 20, 2024

भरपूरता का दृष्टिकोण

कभी-कभी हमारे जीवन में कुछ ऐसे चैलेंजिंग सीन्स आ जाते हैं जो हमारे पॉजिटिव एटिट्यूड को प्रभावित करते हैं। हो सकता है कि आज सुबह ही आपके साथ ऐसा कुछ हुआ हो, तो क्या आपने इससे अपने पूरे दिन को प्रभावित होने दिया, या फिर आप अपने मूड को बदलने और अपने आउटलुक को बेहतर करने के लिए कुछ क्षण के लिए रुके और बदलाव लाए? अक्सर हम सभी लोगों से, सिचुएशंस से, चीजों, प्रकृति और इस दुनिया से संतुष्ट नहीं होते हैं और हमारे पास जो नहीं है उसकी शिकायत करते रहते हैं, जैसे कि हमारा स्वास्थ्य, खुशियां, आरामदायक वस्तुएं, समय, धन, संबंध इत्यादि और ये सूची काफी लंबी हो सकती है। परन्तु सच्चाई तो ये है कि, अगर हम अलग और बेहतर परिणाम चाहते हैं, तो सबसे पहले हमें अपने कमी और अभाव के एटिट्यूड को भरपूरता के एटिट्यूड में बदलना होगा। क्योंकि एक पॉजिटिव एटिट्यूड हमारे पूरे जीवन को नियंत्रण में ला सकता है। यह हमारे स्वास्थ्य, खुशहाली, रिश्ते नातों और सफलता में सुधार लाने का कार्य करता है, भले ही जब चीजें हमारे पक्ष में न भी हों, लेकिन हमारा एटिट्यूड ये तय करता है कि, क्या हम इन स्थितियों को अपने लिए सीखने और आगे बढ़ने का एक मौका समझते हैं या फिर इसे अपनी असफलता के रूप में देखकर पीछे हट जाते हैं। इसके लिए, प्रतिदिन हमें अपने एटिट्यूड पर विचार करना चाहिए और खुद अपनी मानसिकता की जिम्मेदारी लेते हुए इसे पॉजिटिव रखने का प्रयास करना चाहिए। हमें ये देखना चाहिए कि किस प्रकार से हम सिचुएटेशंस को नियंत्रित कर सकते हैं। स्वयं को याद दिलाते रहें- मैं भरपूरता का दृष्टिकोण रखता हूं, मेरे पास वो सब कुछ है जो मुझे चाहिए। मैं अपने सही एटीट्यूड के द्वारा जीवन में सही लोगों और सिचुएशंस को आकर्षित करता हूं।

 

हम सभी को ये सिखाया गया है कि – राइट एटिट्यूड ही सब कुछ है। इसके लिए स्वयं को चेक करें कि, हाल ही में आपका ओवरऑल एटिट्यूड कैसा रहा है? क्या आप आशावादी, संतुष्ट, निडर थे या फिर असंतुष्ट महसूस कर रहे थे? क्या आपके एटिट्यूड ने हमेशा आपको इस दुनिया को पॉजिटिवली देखने में मदद की है, या फिर ऐसा केवल तब ही हुआ है जब परिस्थितियां आपके लिए सही थीं? क्योंकि हमारा एटिट्यूड ही हर सिचुएशन में हमारे आगे बढ़ने और सीखने के रास्ते को खोलता या फिर बंद करता है। इसके पीछे कारण है कि, हमारे हर थॉट के साथ एक फीलिंग पैदा होती है और हमारी यही फीलिंग्स समय के साथ-साथ  लोगों, सिचुएशंस, कार्यों और दुनिया के बारे में हमारे एटिट्यूड को विकसित करती हैं। इसलिए किसी भी व्यक्ति और सिचुएशंस के बारे में हमारी फीलिंग्स ही उनके प्रति हमारे एटिट्यूड को तय करती हैं, जोकि स्वीकार्यता, विरोध, उदासीनता या सम्मान की हो सकती हैं। हमारे थॉट्स हमारे एटिट्यूड का निर्माण करते हैं, इसलिए हमारे पास अपने थॉट पैटर्न को चेक करके अपने एटिट्यूड को बदलने की शक्ति है। भले ही हमारे जीवन में कुछ कम या ज्यादा है, पर ये सिर्फ हमारे एटिट्यूड पर निर्भर करता है, नाकि इस बात पर कि वास्तव में हमारे पास कितना है। एक अच्छा जीवन जीने के लिए सही एटीट्यूड का होना बहुत जरूरी है।

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