
कम बोलें, धीरे बोलें और मीठा बोलें
कम बोलना, धीरे बोलना और मीठा बोलना केवल एक कला नहीं, बल्कि प्रभावशाली कम्युनिकेशन की कुंजी है। जब हम शब्दों को सोच-समझकर बोलते हैं, तो वे सुनने वाले के दिल तक पहुंचते हैं।
November 3, 2023
शुरुआत में, जब हम सभी आत्माएँ सोल वर्ल्ड से अपने भौतिक शरीरों के माध्यम से भूमिकाएं निभाने पृथ्वी पर आती हैं तो हम सभी गुणों में सुंदर और चरित्र में प्यारे होते हैं। और इस यात्रा में हमारा प्रेम स्वाभाविक रूप से सभी आत्माओं के लिए समान भाव से अभिव्यक्त होता है, बिल्कुल परमात्मा के बिना शर्त प्रेम की तरह, इस दुनिया की हर आत्मा के लिए निरंतर बिना किसी चाहना के। लेकिन धीरे-धीरे समय के साथ जैसे-जैसे हम इस ड्रामा चक्र में कई जन्मों के अनुभव से गुजरते हैं, तो हमारा प्यार दूसरों को स्वीकार करने के बजाय उनसे अपेक्षा करने लगता है। हमें दुःख होता है क्योंकि, हम आसक्त होते हैं। हमें दर्द का एहसास होता है क्योंकि, हम चाहनाएं रखते हैं। हम परेशान होते हैं क्योंकि, दूसरा व्यक्ति हमारे अनुसार नहीं है। हमें लगता है कि, वह हमारा है तो हम उसे डोमिनेट करने की कोशिश करते हैं और उस पर हावी होना चाहते हैं।
कम बोलना, धीरे बोलना और मीठा बोलना केवल एक कला नहीं, बल्कि प्रभावशाली कम्युनिकेशन की कुंजी है। जब हम शब्दों को सोच-समझकर बोलते हैं, तो वे सुनने वाले के दिल तक पहुंचते हैं।
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