17th Jan 2025 Soul Sustenence Hindi

January 17, 2025

ब्रह्माकुमारीज का 7 दिवसीय कोर्स (भाग 5)

ब्रह्माकुमारीज़ का 7 दिन का कोर्स एक ऐसा कोर्स है जो भारत के विभिन्न शहरों, कस्बों और गांवों में और दुनिया के 120 से अधिक देशों में ब्रह्माकुमारीज़ केंद्रों पर करवाया जाता है। यह कोर्स अधिकतर व्यक्तिगत रूप से या छोटे समूहों में केंद्रों पर करवाया जाता है। इसकी अवधि रोज़ाना 1 घंटा होती है और इसे 7 दिनों तक कराया जाता है। इस कोर्स का दिन और समय तय करने के लिए आप जिस केंद्र पर जाना चाहते हैं या कॉल करना चाहते हैं, वहां के केंद्र प्रमुख से बात कर सकते हैं। कुछ स्थानों पर यह बड़े समूहों में भी करवाया जाता है, जैसे कि ब्रह्माकुमारीज़ का मुख्यालय, जो राजस्थान, भारत के माउंट आबू की अरावली पहाड़ियों में है, और भारत तथा विदेश के कुछ शहरों में स्थित हमारे रिट्रीट केंद्रों में भी यह कोर्स कराया जाता है। यहां यह कोर्स 2-4 दिनों में संपन्न होता है, जब हमारे आध्यात्मिक भाई-बहन हमारे कैंपस में आते हैं और पूरे 2-4 दिनों तक वहाँ रहते हैं। माउंट आबू या रिट्रीट केंद्रों में कोर्स करते समय, अक्सर हर दिन एक से अधिक सत्र होते हैं। दुनिया के अन्य स्थानों पर स्थित केंद्रों में यह सामान्यतः 7 दिनों तक कराया जाता है जिसमें हर दिन 1 सत्र होता है।

 

ब्रह्माकुमारीज़ के 7 दिन के कोर्स में सामान्यतः ये 7 सत्र शामिल होते हैं:

  1. आत्मा या आध्यात्मिक स्व को समझना।
  2. परमात्मा या सर्वोच्च आत्मा को समझना।
  3. इस विश्व नाटक में परमात्मा का क्या कार्य है और वह इस समय दुनिया को कैसे बदल रहे हैं और किस प्रकार नई दुनिया का निर्माण कर रहे हैं?
  4. विश्व नाटक या 5000 वर्षों के विश्व चक्र को समझना और यह कैसे रिपीट होता है?
  5. सीढ़ी के चित्र के माध्यम से विश्व नाटक को समझना, जिसमें हर सीढ़ी हमारे एक जन्म का प्रतीक होती है।
  6. मनुष्य सृष्टि रूपी कल्प-वृक्ष और परमात्मा, जो इस कल्प-वृक्ष का बीज हैं, उन्हें समझना।
  7. राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से परमात्मा से जुड़ना और इसकी विधि को सीखना।

(कल जारी रहेगा …)

16 May 2025 soul sustenance Hindi

परमात्म साथ से जीवन को बदलने वाले 5 लाभ (भाग 3)

हम अक्सर इंद्रियों के सुखों के पीछे भागते हैं, लेकिन सच्चा आनंद तो परमात्मा के साथ से मिलता है। ईश्वर हमें दुनियावी सुखों से नहीं रोकते, बस इतना कहते हैं — मुझे मत भूलो। इस भाग में जानिए, कैसे ईश्वर से जुड़ाव जीवन को देता है नई दिशा, स्थायी संतोष और गहराई।

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