डेली लाइफ़ में टाइम मैनेजमेंट (भाग 2)

February 8, 2024

डेली लाइफ़ में टाइम मैनेजमेंट (भाग 2)

कल के संदेश में हमने जाना कि, हमारे लिए जरूरी है; अपने काम के बीच में से एक या दो मिनट का ब्रेक लें, अपने आप से बात करें और कुछ पॉजिटिव थॉट्स क्रिएट करें। ऐसा करने से हम अपने मन में चल रहे नेगेटिव थॉट्स को कम कर सकते हैं। क्योंकि हमें अपने कार्यों को पॉजिटिव तरीके से करने के लिए एकाग्र मन और बुद्धि की जरूरत होती है। उदहारण के लिए: मान लीजिए किसी कार्य को करते समय हमारे मन का शांत होना जरूरी है, ऐसे में हमें स्वयं से अंदर ही अंदर बात करनी होगी और कहना होगा कि- मैं एक शांत स्वरूप आत्मा हूँ। शांति मेरा ओरिजिनल नेचर है। साथ ही, अपने कुछ साधारण, लेकिन इंपोर्टेंट थॉट्स द्वारा अपने साथ कार्य करने वाले लोगों को भी पॉजिटिव वायब्रेशन दें- मेरी शांति की एनर्जी चारों तरफ रेडिएट होकर सभी के मन को शांत कर रही है। इसी तरह, जब आप अपने संबंधों में तनाव महसूस कर रहे हों, तो ऐसे में स्वयं से कहें- मैं एक प्रेम स्वरूप आत्मा हूँ और सभी को प्यार देती हूँ चाहे सामने वाली आत्मा का मेरे प्रति जो भी व्यवहार हो। आप ऐसा भी सोच सकते हैं कि- मैं अपने घर और ऑफिस में प्यार की एनर्जी रेडिएट करता हूँ और मेरी शुभकामनाओं और शुभइच्छाओं से यहां का वायुमंडल बदल रहा है।

 

ऐसा हम हर घंटे में एक-एक मिनट के लिए कर सकते हैं। अब हम ये जान चुके हैं कि, हम जो चाहते हैं, वैसे थॉट्स क्रिएट कर सकते हैं। अतः याद रखें कि- इन विचारों से हम अपने घर या ऑफिस को वैसे ही बना सकते हैं जैसा हम चाहते हैं। साथ ही, हमारा मन भी वैसा हो जाएगा, जैसा हम चाहते हैं। हमारी भाव और भावनाएं हमारे विचारों द्वारा प्रभावित होती हैं। हमारे विचार हमारे संबंधों को मजबूत बनाते हैं और लोग आपको पहले से ज्यादा सहयोग देने लगते हैं। अब आप पहले से ज्यादा, आसपास के लोगों को अपने बोल और कर्म से संतुष्ट भी कर सकते हैं।

(कल जारी रहेगा) 

नज़दीकी राजयोग सेवाकेंद्र का पता पाने के लिए

08th nov 2024 soul sustenence hindi

विचारों और चित्रों का सूक्ष्म खेल (भाग 2)

आत्मा के विचारों और चित्रों की गुणवत्ता उसके संस्कारों पर निर्भर करती है। इसी के अनुसार, आत्मा विभिन्न प्रकार की सकारात्मक या नकारात्मक भावनाओं का

Read More »