डेली लाइफ़ में टाइम मैनेजमेंट (भाग 3)

February 9, 2024

डेली लाइफ़ में टाइम मैनेजमेंट (भाग 3)

अपने समय को अच्छी तरह से मैनेज करने के लिए सही थॉट्स क्रिएट करने के अलावा, हमें अपने जीवन में सही बैलेंस बनाना भी जरूरी है। उसके लिए हमें चेक करना होगा कि, हमनें अपने पूरे दिन में किए जाने वाले अलग-अलग कार्यों के लिए, समय को सही तरह से डिस्ट्रीब्यूट किया है या नहीं। ये सभी कार्य हमारे कार्यक्षेत्र से संबंधित, या फिर किसी  हॉबी, पर्सनल लाइफ, हमारे स्वास्थ्य, संबंधों या फिर हमारी लाइफ के दूसरे क्षेत्रों से संबंधित हो सकते हैं। क्योंकि कई बार हम सभी अपने गलत बिलीफ सिस्टम के चलते सफलता को सही तरह से समझ नहीं पाते और उसके पीछे भागते हैं। इसके परिणामस्वरूप हम अपने कीमती समय का सदुपयोग नहीं कर पाते हैं, इसलिए ये जरूरी है कि, हम अपने जीवन के कुछ पहलुओं को चेक करें जैसेकि, हमें अपने किस कार्य या किस संबंध को कितना समय और कितना महत्व  देना है। कौन सा कार्य या संबंध हमारे लिए ज्यादा इंपोर्टेंट है। साथ ही यह भी चेक करने की जरूरत है कि, क्या हम अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में अच्छी तरह से बैलेंस बना पा रहे हैं या नहीं? हमें इन सभी बातों को अनालाइज करना चाहिए और समझना चाहिए कि, सफलता की सही परिभाषा सिर्फ भौतिक सफलता नहीं है बल्कि एक संतुष्ट मन और आंतरिक खुशी होनी चाहिए। संतुष्टता ही हमारी आंतरिक सफलता को दर्शाती है जोकि हमारी मैटेरियल सक्सेस से ज्यादा महत्वपूर्ण है। अगर, हम ये बात समझ लेते हैं तो अपने समय को सही दिशा में और सही तरह से इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं।

 

इसके अतिरिक्त, हमें ये भी चेक करने की जरूरत है कि, क्या अपने कार्यों के दौरान हम अपने मानसिक ख़ज़ाने जैसे कि शांति, प्रेम और खुशी को बढ़ा रहे हैं या खो रहे हैं। कहीं हम अपनी सफलता के पीछे भागते हुए; अपने संबंधों, स्वास्थ्य और मन की शांति को नजरअन्दाज तो नहीं कर रहे हैं? साथ ही, कहीं मेरे कुछ ऐसे संबंध तो नहीं जो मुझे अस्थाई रूप से खुशियां तो दे रहे हैं पर मुझे परमात्मा से दूर कर रहे हैं? ऐसी स्थिति में हमें ये याद रखना चाहिए कि, अगर हमारा परमात्मा से संबंध स्ट्रॉन्ग है, तो हमें सभी संबंधों में सफलता मिलेगी। जब हम अपने जीवन के कुछ ऐसे ही प्रश्नों के जवाब ढूंढते हैं तो, इससे हम अपने समय को अच्छी तरह से अपने सभी कार्यों को पूरा करने के लिए डिस्ट्रीब्यूट कर सकते हैं और इसे ही टाइम मैनेजमेंट कहां जाता है।

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