देवी-देवताओं के 36 दिव्य गुण

June 16, 2024

देवी-देवताओं के 36 दिव्य गुण

कल के मैसेज में, हमने देवी-देवताओं में विद्यमान 36 दैवीय गुणों के बारे में जाना। आइए, अब हम हर एक गुण को परखें और  इन्हें स्वयं में धारण करें, जिससे हम खुद को परफेक्ट, प्योर और प्रशंसा के योग्य बना सकें। क्योंकि जितना अधिक हम इन गुणों को धारण करते हैं, उतना ही अधिक हम जीवन के हर क्षेत्र; पर्सनल और प्रोफेशनल में सफलता अनुभव करेंगे और हमारे सभी रिश्ते भी खूबसूरत हो जाएंगे।

 

इन गुणों को अपने अंदर धारण करने का या जगाने का एक बहुत सुंदर अभ्यास है; कि किसी एक दिव्य गुण को सेलेक्ट करें और उसे एक सप्ताह के लिए अभ्यास में लाएं और फिर अगले सप्ताह एक नया गुण लें। इसके बाद, हर दिन रात में अपनी चेकिंग करें और पर्सनल डायरी में लिखें कि आपने उस अभ्यास को कितने अच्छे से किया। अपनी प्रगति के आधार पर खुद को प्रतिदिन 1 से 10 तक के स्केल में मार्क करें और अगले दिन अपने मार्क्स को बढ़ाने के लिए प्रयास करें। इस अभ्यास को एक गुण के लिए लगातार एक सप्ताह तक करें। हर सप्ताह अलग-अलग गुण लें और अभ्यास को दोहराएं। इसके लिए आप 36 सप्ताह तक 36 दैवीय गुणों का अभ्यास करें।

36 दैवीय गुणों की लिस्ट:

1.सटीकता 2.प्रशंसा 3.कल्याण/ भलाई 4.निश्चिंतता 5.हर्षितमुखता 6.सफाई 7.संतुष्टता 8.सहयोग 9.साहस 10.साक्षीभाव 11.दृढ़ संकल्प 12.अनुशासन 13.सहजता 14.निरहंकारिता 15.ऊर्जावान 16.दूरदृष्टि 17.निर्भयता 18.उदारता 19.शुभभावना

20.ईमानदारी 21.नम्रता 22.आत्मनिरीक्षण 23.हल्कापन 24.परिपक्वता 25.दया 26.आज्ञाकारिता 27.सुव्यवस्था 28.धैर्यता 29.विनम्रता 30.पवित्रता 31.राजसी/ रॉयलिटी 32.आत्मविश्वास 33.सरलता 34.मिठास 35.अथकपन 36.सहनशीलता

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