25th jan 2025 soul sustenence hindi

January 25, 2025

दूसरों के बारे में सोचने की चिंता से बाहर कैसे निकलें? (भाग 1)

हम रोज़मर्रा की ज़िंदगी में अपने परिवार, कार्यस्थल और समाज में कई तरह के लोगों से मिलते हैं। हर किसी का हमारे बारे में नज़रिया और राय अलग-अलग होती है। कुछ लोगों के विचार हमारे बारे में अच्छे होते हैं, तो कुछ के नकारात्मक और सुनने में असहज लग सकते हैं। आइए इस संदेश द्वारा समझते हैं कि दूसरों के विचारों को लेकर होने वाले डर और चिंता को कैसे दूर करें?

 

  1. प्रतिदिन स्वयं से कहें कि आप एक विशेष आत्मा हैं और परमात्मा के सुंदर बच्चे हैं – हर सुबह उठते ही अपने दिन की शुरुआत अच्छे और ऊंचे विचारों से करें। खुद की तारीफ करें और अपनी विशेषताओं और उपलब्धियों के बारे में सोचें। ऐसा करने से आप दूसरों की राय और विचारों से दूर रहेंगे। आप सभी का सम्मान करेंगे, लेकिन साथ ही खुद को भी समझेंगे और अपने बारे में गलत सोचने वालों की चिंता नहीं करेंगे। अगर कोई आपकी कमजोरी या गलतियों के बारे में सही सोच रहा है, तो आप उनकी राय को महत्व दें और खुद में सुधार करें।

 

  1. दिन में थोड़े समय का ब्रेक लेकर स्वयं की चेकिंग करें – आजकल की ज़िंदगी में लोग बाहर देखने और दूसरों से जुड़ने में ही व्यस्त रहते हैं। बहुत कम लोग स्वयं से और परमात्मा से जुड़ने के लिए समय निकालते हैं, इसके चलते भावनात्मक रूप से स्वयं को कमज़ोर महसूस करते हैं और  दूसरों की बातों और चर्चाओं से प्रभावित हो जाते हैं। परमात्मा हमें सिखाते हैं कि हमें उनसे प्रेम और सच्ची लगन के साथ जुड़ना चाहिए। क्योंकि जितना आप परमात्मा से जुड़ेंगे, उतना ही लोग आपको पसंद करेंगे और आपको प्यार, सम्मान और सहयोग देंगे। परमात्मा इस मनुष्य सृष्टि रूपी कल्प वृक्ष के बीज हैं। जब आप उनसे प्रेम और सम्मान करते हैं, तो यह वाईब्रेशन पूरे वृक्ष तक पहुंचती हैं और हर पत्ता यानी हर आत्मा; आपको भी वही प्रेम और सकारात्मक सोच देती है। अगर कभी कोई आपके बारे में नकारात्मक सोचता है, तो आपकी सकारात्मक ऊर्जा उनकी सोच को बदल सकती है।

(कल जारी रहेगा…)

18 march 2025 soul sustenance hindi

नकारात्मक विचारों को आध्यात्मिक शक्ति से बदलना (भाग 3)

आंतरिक शक्ति विकसित करने के लिए दृढ़ संकल्प और सकारात्मक सोच जरूरी है। जानिए कैसे संस्कार बदलकर, मेडिटेशन और ईश्वर से जुड़कर अपनी आत्मशक्ति को मजबूत बनाएं।

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