
संबंधों को सुंदर बनाएं, अहंकार को त्यागें (भाग 1)
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
January 24, 2025
जब लोग आपसे बेहतर कर रहे होते हैं, तो क्या आप उनके लिए सच्चे दिल से खुश होते हैं या दिखावे के लिए या बिल्कुल भी नहीं? क्योंकि आपको अभी तक वो सफलता नहीं मिली है। मन में, गहराई से आप खुश होना चाहते हैं, लेकिन क्या आपका मन उनकी सफलता के मायने खोजता है? अगर कोई व्यक्ति काम, पढ़ाई, परिवार, व्यक्तित्व या संपत्ति में अच्छा कर रहा है, तो इसका मतलब यह नहीं कि वे आपसे बेहतर हैं। इसका मतलब सिर्फ इतना है कि उन्होंने उस समय आपसे ज्यादा हासिल किया है। उन्हें बधाई दें। हर किसी को उनके कर्मों के अनुसार इस जन्म या पिछले जन्मों का फल मिलता है; न ज्यादा, न कम। दूसरों की खुशी में खुश होने का मतलब है कि आप खुद से खुश हैं। यह हमारे अहंकार, ईर्ष्या या असुरक्षा जैसी कमजोरियों को खत्म करता है। जब हम दूसरों को प्रतिद्वंद्वी की तरह नहीं देखते हैं, तब वे हमारा सहयोग करते हैं। स्वयं से कहें मैं उन सब के लिए खुश हूँ जो अच्छा कर रहे हैं और जिन्हें सराहा जा रहा है। जो लोग मुझसे आगे हैं, वे मुझे प्रेरित करते हैं। मैं उनकी सफलता की सराहना करता हूँ, उनकी खुशी को महसूस करता हूँ। यही बड़प्पन यानि बड़ा दिल रखना है।
आज स्वयं की चेकिंग करें और खुद से पूछें कि जब लोग नई कार या नया घर खरीदते हैं, तो क्या हम खुश होते हैं या ईर्ष्या करते हैं? शायद हमारी ईर्ष्या बाहर आ जाए, लेकिन दूसरों की खुशी में खुश होना; हमारी परिपक्वता और आत्मबल दर्शाता है। उन्हें श्रेय देना ही ईर्ष्या और अहंकार जैसे नकारात्मक विचारों को हराने का सबसे आसान तरीका है। इसके लिए आज खुद को समय दें और सोचें कि आप कैसा महसूस करते हैं और किसी और की सफलता के लिए दिल से खुशी जताएं। अपने जीवन के नजरिए को फिर से परिभाषित करें। जो आपके पास है, उसके लिए आभारी रहें और दूसरों की उपलब्धियों के लिए सच्चे दिल से खुश रहें। इससे आपका मन जीवन में चल रही अच्छी चीजों को स्वीकार करेगा। आप दूसरों की सफलता से कमजोर महसूस करना छोड़ देंगे और अपने आत्म-मूल्य की सराहना करेंगे। खुश लोगों से नाराज होने के बजाय उनका सहयोग करने से आपका स्वास्थ्य, आपके रिश्ते और आपका करियर बेहतर होंगे।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
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