दूसरों की स्क्रिप्ट लिखने की नकारात्मक आदत
हम सभी इस जीवन रूपी नाटक में अभिनेता हैं और कई भूमिकाएं निभा रहे हैं। हर दृश्य में हमें अपनी स्क्रिप्ट लिखने और उसपर अभिनय
February 4, 2024
हम सभी सूक्ष्म और इनविजिबल स्तर पर एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं, और अदृश्य रूप से आपस में कम्युनिकेट भी करते हैं। इसके अलावा, हम आपस में एनर्जी का भी लेन देन करते हैं। इसे हम एक उदाहरण के माध्यम से समझा सकते हैं कि, कैसे यह हमारे व्यावहारिक जीवन की किसी नेगेटिव सिचुएशन में पॉजिटिव या नेगेटिव तरीके से काम करता है।
आइए इस प्रोसेस को आपके बेटे के स्कूल के उदाहरण द्वारा समझते हैं; मान लीजिए कि, आपके बेटे की क्लास टीचर ने आपको कॉल करके बताया कि, आपके बेटे को प्लेग्राउंड में खेलते हुए चोट लग गई है तो आप आकर उसे घर ले जाएं। टीचर ज्यादा डिटेल में ना जाते हुए सिर्फ इतना ही कहती है कि, घबराने की कोई बात नहीं है। लेकिन टीचर के ऐसा कहने के बाद भी आपका बेटा उस मोमेंट में दुख, डर, परेशानी और तनाव की नेगेटिव एनर्जी रेडिएट करता है और साथ ही वो आपके द्वारा रेडिएट की जा रही सूक्ष्म मेंटल और स्पिरिचुअल एनर्जी भी एब्जॉर्ब करता है। आप भी उसे पिकअप करने के लिए रास्ते में होते हुए, केवल स्थिति का अंदाजा ही लगा सकते हैं कि, वो किस स्थिति में होगा क्योंकि फिजिकली आप उससे दूर हैं और ऐसे में पूर्वानुमान लगाकर आप अपनी मेंटल एनर्जी यानि कि मनोबल को वेस्ट ही करेंगे। और यदि आप नेगेटिव बातें सोचेंगे माना चिंता या डर क्रिएट करेंगे, तो आप अपने बेटे को भी वही नेगेटिव एनर्जी रेडिएट करेंगे जिससे उसकी कोई मदद नहीं हो सकेगी, और उसको कमजोर और परेशान करने के साथ-साथ आपको भी ठीक से ड्राइविंग नहीं करने देगी। हालांकि आपको बताया गया है कि, चिंता की कोई बात नहीं है लेकिन फिर भी आप जानते हैं कि, वह थोड़ी मुश्किल भावनात्मक स्थिति में है। तो ऐसे में उसे क्या मदद करेगा? उसे आपके सपोर्ट की आवश्यकता है, लेकिन उसे सबसे अधिक सूक्ष्म लेवल पर दिया गया सपोर्ट हेल्प करेगा, क्योंकि आपके स्कूल पहुंचने और उसे फिजिकली सपोर्ट देने में कुछ समय लगने वाला है? ऐसे में आपके डर के नेगेटिव वायब्रेशन जिन्हें आप गलती से चिंता या देखभाल करना कह सकते हैं क्योंकि आपको लगता है कि कुछ बुरा हुआ है? या फिर आपके अनकंडीशनल प्यार और शुभकामनाओं की पॉजिटिव एनर्जी जोकि आपके रियल कंसर्न हैं। तो आप उसे दूर रहते हुए मदद करने के लिए क्या भेजेंगे; चिंता के वायब्रेशन या आपके शुभ कामना भरे स्नेह के वायब्रेशन? साथ ही प्यार और शुभभावना भरे वायब्रेशन आपको ड्राइविंग में भी मदद करेंगे। इसके अलावा, समझिए कि, देखभाल वा चिंता में क्या फर्क है? यदि आप दूसरे की मदद के लिए, अपनी पॉजिटिव इनर स्पिरिचुअल लाईट भेज रहे हैं और तो उसमें निश्चित रूप से चिंता तो है ही नहीं।
हम सभी इस जीवन रूपी नाटक में अभिनेता हैं और कई भूमिकाएं निभा रहे हैं। हर दृश्य में हमें अपनी स्क्रिप्ट लिखने और उसपर अभिनय
प्रतिदिन परमात्मा द्वारा दिए गए ज्ञान को अपने मन में दोहराएं– प्रतिदिन परमात्मा हमसे ज्ञान साझा करते हैं, जिसे हम पढ़ते हैं और अपनी डायरी
जैसे हम दूसरों के व्यवहार या जीवन की समस्याओं के बारे में नकारात्मक ऊर्जा के साथ बात करने, निर्णय लेने, आलोचना करने या उनकी कमजोरियों
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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