May 23, 2025

दूसरों को समझने से पहले स्वयं को समझें

हमारे रोज़मर्रा के संबंध काफी हद तक इस बात पर निर्भर करते हैं कि हम सामने वाले व्यक्ति की नीयत, मूड, सोच और व्यवहार को कितनी सही तरह से समझ पाते हैं। हम उसी के अनुसार अपनी प्रतिक्रिया भी बदलते हैं। लेकिन अक्सर हमें लगता है कि लोगों को समझना आसान नहीं है। हम किसी की सोच, निर्णय और प्रतिक्रिया को समझ नहीं पाते। वास्तव में, जिस स्तर तक हम स्वयं को समझते हैं, उसी स्तर तक हम दूसरों को समझ पाते हैं। चाहे हमारे रिश्ते; परिवार, मित्रों या सहकर्मियों के साथ अच्छे हों, फिर भी कभी-कभी उनका व्यवहार हमें अजीब या अनपेक्षित लगता है। यह दर्शाता है कि जब तक हम स्वयं के भीतर गहराई से नहीं झांकते, तब तक दूसरों की गहराई तक पहुंचना कठिन होता है।

नीचे बताए गए पॉइंट्स से आपमें स्वयं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी और आप दूसरों से और अच्छे से जुड़ सकेंगे –

  1. प्रतिदिन कुछ मिनट स्वयं के साथ बिताएं। यह जांचें कि आप अपने बारे में कौन से सकारात्मक और नकारात्मक विचार रखते हैं। हर आलोचनात्मक सोच को धीरे-धीरे प्रेम में बदलें।
  1. याद रखें कि लोग और परिस्थितियाँ आपकी भावनाओं के लिए ज़िम्मेदार नहीं हैं। वे केवल एक स्टीम्यूलस हैं। आपकी प्रतिक्रिया विचार, भावनाएँ और व्यवहार आपके द्वारा चुने और रचे जाते हैं।
  1. लोग अपनी आदतों और व्यक्तित्वों के शिकार होते हैं। यदि वे गलत भी हैं, तो उसका कारण उनका आंतरिक दर्द है। यह समझ आपको उनके प्रति सहानुभूति रखने में मदद करती है।
  1. यदि कोई गलतफहमी हो, तो उस व्यक्ति के बारे में अपनी सोच बदलें। करुणा का भाव मन में लाने से टकराव स्वतः समाप्त हो जाता है।
  1. हम सभी अलग-अलग आदतें और व्यक्तित्व लेकर चलते हैं। जब भी हम कोई परिवर्तन लाते हैं, तो वह हमारे पुराने स्वरूप और जीवनभर से बनी आदतों के विरुद्ध होता है। इसलिए स्वयं को और दूसरों को समय दें। हर किसी की अपनी चुनौतियाँ होती हैं। यह सुधार और सशक्तिकरण की यात्रा है।
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