
संबंधों को सुंदर बनाएं, अहंकार को त्यागें (भाग 2)
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
May 26, 2024
एक सुंदर मन, एक सुंदर व्यक्तित्व क्रिएट करता है जो हमारे थॉट्स, बोल और कार्य के माध्यम से दिखाई देता है। इसलिए सुबह के समय मन की देखभाल करना बेहद जरूरी है क्योंकि उस समय मन की एब्जार्बशन क्षमता बहुत अधिक होती है। अगर हम सुबह के समय, मन को आत्मा और परमात्मा के ज्ञान पर आधारित थॉट देते हैं तो ये सोल कॉन्शियसनेस स्थिति में आ जाता है। इस प्रॉसेस के द्वारा, हम मन को पूरे दिन आत्मा यानि कि आध्यात्मिक स्व और आध्यात्मिक स्व के पिता; परमात्मा की ओर ध्यान केंद्रित करने के लिए निर्देशित करते हैं।
किसी ख़ास दिन के किसी भी समय, यदि आपका दिन खराब रहा है, तो आप इसकी चेकिंग कर सकते हैं कि, उस दिन की शुरुआत कैसे हुई थी। आप महसूस करेंगे कि, दिन की ख़राब शुरुआत होने के कारण ही बाकी का पूरा दिन नेगेटिव तरीके से बीतता है। इसके विपरित, जिस दिन की शुरुआत; आपके प्रियजनों के साथ पॉजिटिव रूप से हुई हो या फिर जिस दिन की शुरुआत कोई अच्छी खबर सुनने के साथ या किसी पॉजिटिव नोट के साथ, पॉजिटिव जानकारी प्राप्त करने से या टेलीविजन पर आध्यात्मिकता का कोई अच्छा कार्यक्रम देखने से हुई हो, वह दिन आमतौर पर पॉजिटिवली व्यतीत होगा। दूसरी ओर, जिस दिन की शुरुआत; टीवी पर दुर्घटनाओं, मृत्यु और हिंसा की नकारात्मक खबरें देखने या सुनने या कोई नकारात्मक जानकारी पढ़ने या किसी के साथ बहस के साथ हुई, उस सबके बाद पूरा दिन नेगेटिव इवेंट्स के साथ ही बीतेगा। ऐसा क्यों होता है? सुबह सुबह हम अपने थॉट्स को एक सुंदर शेप देते हैं जिससे अगले दिन वे उसी के अनुसार कार्य करते हैं। इसके साथ ही, रात को सोने से पहले, हमारे मन में जो भी विचार आते हैं, उनका अगली सुबह हमारे मन की स्थिति पर भी प्रभाव पड़ता है, वे हमारे पूरे दिन को प्रभावित करते हैं और रात तक मन में चलते रहते हैं। तो, यह एक साइक्लिकल प्रॉसेस है और हमें इस साइकिल को पॉजिटिव बनाए रखने के लिए हर सुबह शुरुआत करनी होगी। हम सभी ने यह कहावत सुनी है- कि जैसा अन्न, वैसा मन यानि एक अच्छी स्पिरिचुअल अनुभूति या पॉजिटिव एनर्जी या सात्विक नेचर का भोजन, मन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। दूसरी ओर, लो एनर्जी लेवल या तामसिक नेचर का भोजन मन पर नेगेटिव प्रभाव डालता है। जैसे यह बात हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन पर लागू होती है। उसी तरह, हमारे मन के लिए थॉट्स रूपी भोजन यानि क्वॉलिटी वाले थॉट्स हमारे मन की स्थिति, इनर स्टेट और हमारी फीलिंग्स को भी प्रभावित करते हैं।
(कल भी जारी रहेगा…)
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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