हल्केपन से लेट गो करें

June 9, 2024

हल्केपन से लेट गो करें

लेट गो करना हमारी उस क्षमता को दर्शाता है कि, किस प्रकार जो भी चीज हमारी आत्मा के लिए सही या हेल्दी नहीं है हम उसे छोड़ सकते हैं। इसका मतलब है कि अतीत के बोझ को हम अपने वर्तमान या भविष्य में नहीं ले जाते। यह हमारी अज्ञानता के बोझ, अतीत के अनुभवों का दर्द, लोगों से हमारे लगाव और उनसे हमारी आशाएं, हमारी नेगेटिव हैबिट, गलत और सीमित बिलीफ सिस्टम, नेगेटिव संस्कार और लोगों की धारणाओं को हटाने के बारे में है। जब हम अपने पुराने तरीकों को लेट गो करते हैं, तब हम सोचने के नए तरीकों, व्यवहार और खुद में बदलाव लाने के नए मैथड का स्वागत करते हैं। मेडिटेशन के अभ्यास द्वारा स्वयं को परमात्मा से जोड़ने से हमारी लेट गो करने की क्षमता मज़बूत होती है। जब हम इस बात से जागरूक होते हैं कि मैं एक आत्मा हूँ नाकि एक शरीर या जो भी भूमिका मैं निभा रही हूँ, तो लोगों के साथ रहते हुए और चीजों को इस्तेमाल करते हुए भी हम उनसे अटैच नहीं होते और न ही हमें उनसे छूट जाने का भय होता है। हम एक ट्रस्टी की भांति अपनी भूमिका अदा करते हैं, क्यूँकि हम ये समझ जाते हैं कि कोई भी या कुछ भी हमारा नहीं है। साथ ही, हम ये भी समझ पाते हैं कि लोग हमारे जीवन में एक साथ मिलजुलकर रहने के लिए आते हैं और जिन भी चीज़ों का इस्तेमाल हम करते हैं वो बहुत ही ग्रेटीट्यूड और केयर के साथ करना चाहिए। 


हमारे लिए जरूरी है कि, हम अपने गलत विचारों, मान्यताओं और संस्कारों को लेट गो करें। जब हम ये जान जाते हैं कि हमें उनसे कितना नुकसान हो रहा है, तब हम उन्हें खत्म कर सकते हैं। हम लोगों से अपनी आशाएं और उम्मीदों को भी इस समझ के साथ छोड़ सकते हैं कि अलग-अलग संस्कार और कार्मिक अकाउंट के चलते लोग हमारे अनुसार नहीं हो सकते। यदि हम लोगों के साथ अपने अतीत के अनुभवों के दर्द को लेट गो नहीं करते हैं, तो हमारा वर्तमान भी अतीत के कड़वे अनुभवों के रंग से रंग जाएगा। यही कारण है कि, जब भी हम उनसे बातचीत करते हैं तो उनके पिछले व्यवहार के फिल्टर के माध्यम से ही उन्हें समझते और जज करते हैं। अतीत की परिस्थितियों के कड़वे या अप्रिय भावनाओं को पकड़ कर रखने से हमारे घाव और गहरे होते जाते हैं। लेट गो करना माना नेगेटिव एनर्जी के एक ऐसे बोझ को छोड़ना जो दिन प्रतिदिन समय के साथ-साथ भारी और मज़बूत होता जाता है फिर हमें नीचे ले आता है। लेट गो करने से हम अपनी जीवन यात्रा को हल्का रखकर उपयोगी और जरूरी चीज़ों को लेकर आगे बढ़ते हैं।

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