![हमेशा अपने मूड को पॉजिटिव और खुश रखें 2 22nd jan 2025 soul sustenence hindi](https://www.brahmakumaris.com/wp-content/uploads/2025/01/22nd-Jan-2025-Soul-Sustenence-Hindi.jpg)
परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के 8 तरीके (भाग 2)
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
March 12, 2024
क्या आपने कभी भी अपने मूड को खुशी से उदासी में और शांति से बैचेनी में बदलते हुए अनुभव किया है? अगर कभी-कभी होने वाले मूड स्विंग पर ध्यान न दिया जाए, तो ये बार-बार होने के कारण एक समस्या भी बन सकते हैं। इसके लिए महत्त्वपूर्ण है कि, हमारा मूड हमेशा पॉजिटिव और एनर्जी से भरपूर हो, नहीं तो बदलते हुए मूड से हम स्वयं को थका हुआ और असंतुष्ट महसूस कर सकते हैं।
1.मूड में परिवर्तन होना; हमारे विचारों की क्वालिटी में बदलाव का ही परिणाम है। इसके लिए जरूरी है कि, हम ये चेक करें ऐसे कौन से विचार हैं जो हमारे मूड में परिवर्तन लाते हैं, अपने खराब मूड की एक लिस्ट तैयार करें और देखें कि, अपने उस मूड स्विंग के दौरान हमारा व्यवहार कैसा था।
2.किसी एक सीन में हुए मूड स्विंग को अगर ठीक नहीं किया जाए तो ये हमारे अवचेतन मन में रिकार्ड हो जाता है। और एक छोटे से छोटा ट्रिगर भी उसे दोबारा एक्टीवेट कर सकता है जिसके चलते वो हमारा नेचुरल स्वभाव बन सकता है। इसका मतलब है कि, अगर ज्यादा लंबे समय तक हमारा मन दुखी है, तो हमारे मन की ऐसी स्थिति बार-बार हो सकती है और अंततः ये हमारे व्यक्तित्व का एक हिस्सा भी बन सकती है।
3.मूड स्विंग से बचने के लिए; हमें अपने दिन की शुरुआत आध्यात्मिक ज्ञान और मेडिटेशन से करनी चाहिए, जिससे हम अपने मन को प्योर, पॉजिटिव विचारों और भावनाओं से भर सकते हैं। ऐसा करके हम खुद को दिन में आने वाले किसी भी सीन में, सही विचार और भावनाएं चुनने के लिए तैयार कर सकते हैं। और लोग, बातें और परिस्थितियां हमारे मन को तय नहीं कर सकेंगी।
4.परिस्थितियां बदलती रहती हैं और चुनौतीपूर्ण भी हो सकती हैं। लेकिन अगर हम उन्हें अपनी खुशियों का आधार मानेंगे, तो जीवन हमारे लिए अच्छे और खराब मूड का एक रोलर कोस्टर राइड बन जाएगा। लेकिन जब हम इस बात को समझ लेते हैं कि, खुश रहना हमारा नेचर है, तो जीवन सदा के लिए सरल और सुविधाजनक बन जाता है।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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