09th Dec 2024 Soul Sustenence Hindi

December 9, 2024

हमेशा संतुष्ट कैसे रहें?

संतुष्टता का मतलब है; स्वयं को और जो भी हमारे पास है उसे चाहना, सराहना, प्यार करना और स्वीकारना, नाकि यह चाहना रखना कि काश सबकुछ और अच्छा या अलग होता। आइए इसके बारे में समझें:

 

  1. क्या आप ऐसे लोगों को जानते हैं जो जीवन में सबकुछ हासिल कर लेते हैं, आरामदायक जीवन जीते हैं, हर चीज़ में सफल रहते हैं, लेकिन फिर भी संतुष्ट नहीं हैं? और क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जिसने ज्यादा कुछ हासिल नहीं किया है, फिर भी जीवन से पूरी तरह संतुष्ट है। आइए स्वयं से पूछें कि, आप अपने जीवन से कितने संतुष्ट हैं? 

 

  1. आपकी संतुष्टि आपकी उपलब्धियों पर निर्भर नहीं करती है। संतुष्टता तो आपकी सोचने के तरीके में है, उपलब्धियां आपके काम करने के तरीके में हैं। संतुष्टता एक सुंदर गुण है, जिसमें आप हर एक पल हर चीज़ से खुश रहते हैं और आगे के लिए प्रयास करते हैं। बाहरी परिस्थितियां या लोग चाहे कैसे भी हों परंतु संतुष्टता हमारा नैचुरल नेचर होना चाहिए।

 

  1. लेकिन संतुष्टता का मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि आप आलसी हो जाएं, कुछ करना बंद कर दें या जो है उसी में खुश होकर रुक जाएं। संतुष्टता का मतलब है कि इस पल में आप जो हैं, जो कुछ भी आपके साथ हो रहा है या जो लोग आपके साथ हैं, उसमें खुशी महसूस करना। परिस्थिति चाहे कैसी भी हो उसे स्वीकार करें। यह मान लेना कि सबकुछ ठीक है, आगे और भी अच्छा होगा और हम उसके लिए तैयार हैं। 

 

  1. हर सुबह अपने मन के अंदर झांकें और आत्मचिंतन करें ताकि संतुष्टता का अनुभव कर सकें, जो आपके भीतर की संपूर्णता का एहसास है। संतुष्टता की ऊर्जा आपके अंदर मौजूद है। इसे असंतोष और नाखुशी के विचारों द्वारा खराब न होने दें।

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