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October 31, 2024
दीपावली या दिवाली (इस वर्ष 1 नवम्बर) आ गई है, जो हमारे घरों और दिलों को रोशन करने का समय होता है। यह त्यौहार सुंदरता, नवीनता और ताजगी का संदेश लाता है, जिसे देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह श्रीराम के 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटने के समय का सम्मान करता है, जब लोगों ने दीपक जलाकर उनका खुशी से स्वागत किया। इसलिए, यह आत्म-शासन या संप्रभुता की विजय और वापसी का उत्सव है। लेकिन हर दूसरे त्यौहार की तरह, दिवाली के दौरान निभाए जाने वाले रिचुअल या अनुष्ठान गहरे आध्यात्मिक महत्व रखते हैं। जब हम उनकी पवित्रता को समझते हैं और उन्हें आत्मसात करते हैं, तभी यह सच्चे मायनों में उत्सव बनता है और अधिक अर्थपूर्ण हो जाता है।
इस पर्व की तैयारियाँ; सफाई, पेंटिंग या यहां तक कि कई घरों में मरम्मत से शुरू होती है। इसका आध्यात्मिक संदेश क्या है? यह हमें हमारे मन को साफ करने का संदेश देता है। हमें स्वयं को क्रोध, आलोचना, अस्वीकृति, द्वेष, नफरत, चोट और ईर्ष्या के विचारों से मुक्त करना होगा। इस नकारात्मकता का बोझ, जिसे हम अब तक ढोते आ रहे हैं, हमारी आत्मा को कमजोर करता है। मन को शांति, प्रेम और करुणा के नए रंगों से रंगना होगा। हमें अपने शब्दों, कर्मों और व्यवहार को भी साफ और सुंदर करने की जरूरत है। लेकिन यह प्रक्रिया हर दिन होनी चाहिए, न कि केवल साल में एक बार, ताकि हम अंततः एक निरंतर स्वच्छ और शुद्ध मन और शरीर के स्तर पर पहुंच सकें। नियमित योग का अभ्यास और परमात्मा द्वारा साझा किए गए आध्यात्मिक ज्ञान को आत्मसात करना हमें इस अवस्था को प्राप्त करने में मदद करता है। दिवाली के दौरान उपहार और आशीर्वादों का आदान-प्रदान होता है। आध्यात्मिक रूप से, यह हमें एक-दूसरे को सशक्त और देखभाल करने का संदेश देता है। आशीर्वाद एक उच्च और शुद्ध ऊर्जा वाले कंपन हैं, जिसे हम अपने विचारों में उत्पन्न करते हैं और अपने शब्दों के माध्यम से व्यक्त करते हैं। हम सभी ने अनुभव किया है कि संतों, माता-पिता, शिक्षकों, परिवार और दोस्तों के आशीर्वादों ने हमारे जीवन में चमत्कार किए हैं। लोगों के संस्कारों और व्यवहारों की परवाह किए बिना, जब हम केवल शुद्ध विचार और शब्द उत्पन्न करते हैं, तो हम उन्हें अपने संस्कार बदलने के लिए सशक्त बनाते हैं। हमारे आशीर्वाद उनके लिए वास्तविकता बन जाते हैं और उनका भाग्य बदल देते हैं। केवल एक त्यौहार पर ही नहीं, बल्कि हर दिन हमारे हर विचार और शब्द आशीर्वादपूर्ण होने चाहिए। क्योंकि आशीर्वाद देना, आशीर्वाद पाने का सबसे आसान तरीका है। साथ ही, परमात्मा से जुड़ने से हमें उनकी शांति, प्रेम और शक्ति के आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।
(कल जारी रहेगा…)
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