
हर दिन मेडिटेशन करें और शुभकामनाएं भेजें — मेडिटेशन और शुभकामनाओं का प्रभाव से स्वस्थ मन और शरीर पाएँ
June 26, 2025
जीवन के नकारात्मक दृश्यों से प्रभावित न हों
अक्सर हम अपने जीवन में कुछ नकारात्मक दृश्यों को घटते हुए देखते हैं — जैसे किसी की असफलता, दुखद घटनाएँ, बुरी खबरें आदि और उन सबसे हमारा मोटिवेशन व उत्साह कम होने लगता है। याद रखें – कोई भी नकारात्मक दृश्य हमारे मन में नकारात्मकता न भर दे, इसका ध्यान हमें खुद ही रखना है। क्योंकि जैसे ही हमारी आत्मा की शक्ति कम होती है, हमारे मन में डर, चिंता और संदेह आ जाता है और हम आगे बढ़ने में रुकावट महसूस करने लगते हैं। इससे बचने के लिए जरूरी है कि: दिन की शुरुआत में कोई एक मजबूत और सकारात्मक संकल्प लें। दिनभर उस संकल्प को याद रखें और अपने मन को मजबूत बनाए रखें। रात को खुद से पूछें – आज मेरा संकल्प कितना मजबूत रहा? फिर 1 से 10 के बीच स्कोर दें। इससे हमारा मन हर दिन और मजबूत बनेगा और हम किसी भी परिस्थिति में डगमगाएँगे नहीं, बल्कि निडर होकर आगे बढ़ते रहेंगे।
सकारात्मक लोगों से जुड़ें और सकारात्मकता का अनुभव करें
मोटिवेशन एक ऊर्जा है — जो हम दूसरों को देते भी हैं, और दूसरों से लेते भी हैं। इसलिए ये बहुत ज़रूरी है कि हम हमेशा सकारात्मक सोच वाले लोगों के साथ रहें। कई बार कोई हमें किसी काम के बारे में नकारात्मक बात कह देता है — जैसे परिवार का कोई सदस्य, ऑफिस में कोई सहयोगी, या कोई दोस्त, या सोशल मीडिया में कोई। ऐसी बातें हमारा मोटिवेशन कम कर सकती हैं। इसलिए – एक ओर हमें दूसरों को अपने मोटिवेशन से आगे बढ़ाना है। और दूसरी ओर, खुद को ऐसे लोगों से बचाना भी है, जो हर बात में सिर्फ कमी निकालते हैं या हमेशा दर्द देने वाली बातें करते हैं। क्या करें? – अगर कोई आपके पास आकर किसी परिस्थिति को नकारात्मक तरीके से देख रहा है, तो उसे वही परिस्थिति का सकारात्मक पहलू समझाएँ। कभी भी किसी की परिस्थिति को लेकर नकारात्मक बातें न करें–सिर्फ अच्छे शब्द बोलें, और अपने और दूसरों के लिए शुभ और सकारात्मक सोच रखें।
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शरीर स्वस्थ हो, तो आत्मा प्रसन्न रहती है… आत्मा और शरीर का संतुलन बनाए रखें सकारात्मक संकल्पों के ज़रिए
Article discusses transition from ‘Ravan Rajya’ to ‘Ram Rajya’ through shifting consciousness, personal transformation for societal change.
The choice between living in an era of strife (Kalyug) or peace (Satyug) lies within us. By adopting qualities of giving, forgiveness, and love, we can create a personal era of Satyug, irrespective of the external environment of Kalyug.
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अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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