
आत्म-संदेह (सेल्फ डाउट) और असुरक्षा की भावनाओं पर काबू पाना
असुरक्षा की भावना हमारे आत्मविश्वास को तोड़ सकती है। इसे पहचानिए और पॉजिटिव सोच से जीवन को नया रास्ता दीजिए।
January 30, 2024
क्या आपने कभी अपनी लाइफ में धारण की गई मान्यताओं वा बिलीफ के ऊपर आश्चर्य किया है कि, वे कहां से और कैसे आए? हमारी खुशियों, प्यार, सम्मान, गुस्सा वा तनाव आदि के बारे में, हमारे सारे बिलीफ हमारी सोशल कंडीशनिंग पर आधारित होते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि, ये सब कहां तक सही हैं और क्या हमें आगे बढ़ने से रोकने वाले किसी भी बिलीफ को हमने अपने जीवन से दूर करने का प्रयास किया है? हम जीवन की हर परिस्थिति को, अपने बिलीफ सिस्टम के आधार पर ही देखते हैं। यहां तक कि, इस बात में भी कोई आश्चर्य नहीं कि, हमारी लाइफ स्टाइल भी इन्हीं पर निर्भर होती है जैसे कि; हमारे विचारों की क्वालिटी, हमारी फीलिंग्स, हमारा स्वभाव, आदतें, हमारा व्यक्तित्व और साथ ही हमारी डेस्टिनी भी। इससे इस बात की पुष्टि होती है कि हमारे विश्वास का सबसे अधिक प्रभाव हमारे भाग्य पर पड़ता है। इसलिए हमें कभी भी एक भी गलत बिलीफ नहीं बनाना चाहिए। जिस समाज में हम रहते हैं वहां पर कुछ स्ट्रॉन्ग बिलीफ़ जैसेकि गुस्सा करना जरूरी है, सफलता ही खुशियां लाती है, तनाव तो स्वाभाविक है, मेरी भावनाएं लोगों और परिस्थितियों पर निर्भर करती हैं आदि बहुत कॉमन हैं। इसलिए जब हम सोचते हैं कि- गुस्सा करना जरूरी है तो हम बार-बार चीजों को अपने अनुसार करने के लिए, गुस्से का प्रयोग करते हैं। ऐसे में अगर हम शांत भी रहना चाहें तो भी वो हमारे लिए टेंपरेरी ही होगा। तो आइए, इनकी जगह कुछ नए बिलीफ को यूज़ करना शुरू करें- गुस्सा नुकसानदायक है, प्यार से हर काम हो सकता है। ऐसा स्ट्रॉन्ग बिलीफ़ रखने से हमारे लिए प्यार और खुशी स्वाभाविक हो जाएगी। अपने जीवन से गलत मान्यताओं और बिलीफ़ सिस्टम को हटाकर, सही और शक्तिशाली धारणाएं बनाएं। इसके लिए खुद को याद दिलाएं: मैं अपने हर बिलीफ को चेक करता हूँ और जो लाभकारी हैं, सही हैं उन्हें ही मानता हूं। मेरी सभी धारणाएं मुझे स्वस्थ, खुश और सभी के साथ सामंजस्य में रहना सिखाते हैं।
अब आइए जरा इस बात पर भी गौर करें कि, कितने ऐसे बिलीफ़ हैं जिन्हें हम बचपन से मानते आ रहे हैं और इन्हीं के साथ जी रहे हैं? क्या आपने कभी यह जानने का प्रयास किया है कि, खुद को लेकर, लोगों या समाज को लेकर आपके जो बिलीफ हैं उनके पीछे क्या कारण है? या फिर परिवार, शिक्षा, समाज के कारण और अपने अतीत के अनुभवों के आधार पर आप उन्हें मानते आ रहे हैं? हमें ये समझना होगा कि, हमारे बिलीफ़ हमारे लिए हमारा पूरा सत्य हैं। और ये बिलीफ सिस्टम कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम की तरह होते हैं जो हमारे विचार, शब्द और व्यवहार सभी को प्रभावित करते हैं इसलिए एक भी गलत बिलीफ बहुत नुकसान कर सकता है। इसके लिए जरूरी है कि- हम अपने जीवन में से ऐसे सभी बिलीफ जो हमें आगे बढ़ने और सुन्दर जीवन जीने से रोक रहे हैं, उन्हें चेक करें और बदलें। खुद को थोड़ा सा समय देकर ऐसे बिलीफ़; जो हमारे विकास, सफलता और खुशहाली के लिए रुकावट हैं, उन्हें चेक करके अपने जीवन से हटाने का प्रयास करें।
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