24th dec 2024 soul sustenence hindi

December 24, 2024

कर्म बंधनों का चक्र (भाग 2)

कल के संदेश को आगे बढ़ाते हुए, आइए कर्म बंधनों के चक्र को एक व्यापक दृष्टिकोण से समझते हैं। यदि किसी जन्म में किसी रिश्ते में टकराव हुआ था, तो अगले जन्म में भी वह टकराव आगे बढ़ेगा। यह चक्र कई जन्मों तक चलता रह सकता है, जब तक हममें से कोई इसे बदलने का निर्णय न ले। हमारे आस-पास के ज्यादातर लोग; परिवार, दोस्त, सहकर्मी उन सबसे हम पहली बार नहीं मिल रहे हैं। 

 

बल्कि हम उनसे पहले भी मिल चुके हैं और पहले भी ऊर्जा का आदान-प्रदान हुआ है। जो आज हम उनके साथ अनुभव कर रहे हैं, वह पिछली मुलाकात का ही परिणाम है। यदि कोई हमारे साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रहा या धोखा दे रहा है, तो यह याद रखना चाहिए कि वे वही लौटा रहे हैं जो हमने पहले उन्हें दिया था। वे गलत नहीं हैं, यह सब बहुत न्यायपूर्ण है। हम अतीत को नहीं बदल सकते, लेकिन हमारे पास वर्तमान में सही प्रतिक्रिया चुनने का विकल्प है। यह हमारे पिछले कर्मों का प्रतिफल है, लेकिन हमारे पास यह विकल्प है कि हम अब कैसा महसूस करें और व्यवहार करें, क्योंकि वह हमारा वर्तमान कर्म है जो हमारे आज का भाग्य और हमारा भविष्य तय करेगा। यदि हम अब दुख, गुस्सा या बदला लेने का विचार रखते हैं, तो हम नकारात्मक कर्म चक्र को बढ़ाते रहेंगे। और यदि हम क्षमा, करुणा, स्थिरता चुनते हैं, तो हम गुणवत्ता बदल रहे हैं और एक सकारात्मक कर्म खाता शुरू कर रहे हैं। हम अपना भाग्य बना रहे हैं।

 

आइए, आज से हम जिन भी आत्माओं से मिलें, यह याद रखें कि हम उनसे पहले भी मिले हैं और फिर मिलेंगे। हम अतीत को तो बदल नहीं सकते, लेकिन वर्तमान में सही कर्म जरूर कर सकते हैं, जिससे हमारा भविष्य उज्जवल बनेगा।

11 july 2025 soul sustenance hindi

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