ब्रह्माकुमारीज का 7 दिवसीय कोर्स (भाग 3)
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
December 5, 2024
हमारे विचार, बोल और कर्म संसार में जो ऊर्जा रेडिएट करते हैं उसे कर्मा कहते हैं और जीवन में आने वाली परिस्थितियां या लोगों का व्यवहार जिस ऊर्जा के रूप में हमें वापस मिलता है, उसे हम नियति कहते हैं। हमारा हर कर्म आत्मा पर दर्ज होता है जिसके परिणाम हमें इसी जन्म में या अगले जन्मों में मिलते हैं। आंतरिक शक्ति से हम सही कर्म करना सीखते हैं और पिछले जन्मों में किए गए कर्मों के परिणाम को स्थिरता से सहते हैं। तो क्या आप जीवन में अनुकूल स्थितियों का श्रेय खुद को देते हैं? और क्या आप कठिन समय में परमात्मा या दूसरों को दोष देते हैं? क्या आप मानते हैं कि आप अपनी नियति खुद बनाते हैं या यह पहले से तय है? हम अपनी नियति के निर्माता स्वयं हैं। हर किए गए कर्म का एक परिणाम होता है, जो आज, या कुछ दिनों में, कुछ वर्षों में, कुछ जन्मों बाद हमारे पास वापस आता है। जीवन में होने वाली परिस्थितियों के कारण किए जाने वाले कर्म हमारे वर्तमान कर्म हैं और यह पूरी तरह से हमारी चॉइस है। इसलिए चाहे परिस्थिति कैसी भी हो, सही विचार, शब्द और व्यवहार से वर्तमान कर्म करें। सही वर्तमान कर्म पुराने कर्मों का हिसाब चुकता करते हैं, आज के अनुभवों को सुखद बनाने के साथ-साथ भविष्य की नियति को भी सुंदर बनाते है। लोगों और परिस्थितियों ने हमारे साथ क्या किया, इस पर ध्यान केंद्रित न करें, बल्कि अपने कर्मों को सही रखने पर ध्यान दें।
आप अपनी जिंदगी को अपने मूल्यों और सिद्धांतों के अनुसार जी रहे हैं। खाने-पीने, पहनने, रहने की आदतें या संस्कार, जो भी आपके कार्मिक खाते के लिए सही हो, उन्हें चुनें। अपने हर विचार, शब्द और कर्म को शुद्ध और शक्तिशाली रखें, चाहे परिस्थितियां कैसी भी हो। अपने वास्तविक गुण; शांति और खुशी को जाग्रत करें और हर कर्म में उनका उपयोग करें। प्रकृति, वस्तुएं और सभी के साथ सुंदर कार्मिक रिश्ते बनाएं। आज आपकी खुशी, स्वास्थ्य और सफलता आपके सुंदर पिछले कर्मों का परिणाम हैं। और कुछ चुनौतियां आपके गलत कर्मों का परिणाम हैं। इन्हें बिना कोई सवाल किए स्वीकार करें, यह जानते हुए कि आपकी शक्ति “अब” में है। आज सही कर्म चुनें, ताकि पुराने कर्मों का हिसाब चुकतू हो और भविष्य सुखद हो। जो आपके लिए सही हैं, उनके प्रति कृतज्ञ रहें, और जो सही नहीं हैं, उनके प्रति भी, क्योंकि उन्होंने आपको अपनी आंतरिक शक्ति बढ़ाने और पिछले कर्मों को चुकता करने का अवसर दिया। हर पल अपने कार्मिक खाते को संतुलित रखें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
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