खोया हुआ स्वर्ग पुनः प्राप्त करना (भाग 2)

May 18, 2024

खोया हुआ स्वर्ग पुनः प्राप्त करना (भाग 2)

कल के संदेश के बाद, आइए विश्व के इतिहास में वापस चलते हैं। यहां केवल रिकॉर्डेड इतिहास की बात नहीं हो रही है। हम यहां दुनिया के उन पलों के बारे में बात कर रहे हैं जो हमारी इतिहास की किताबों में मेंशन नहीं हैं। इस पूरी दुनिया में वह कौन है; जो उन पलों को सबसे अच्छे से और पूरी सटीकता से जानता है? वो हममें से कोई नहीं, बल्कि एक वो ही हो सकता है जिसने उन क्षणों को बिना कोई भूमिका निभाए देखा है। हमारे परमात्मा ने उन क्षणों को और हम सभी को इस दुनिया के दृश्यों में भूमिका निभाते हुए देखा है। दुनिया के अलग-अलग धर्मों और देशों में उन पलों या क्षणों को अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है, जिन्हें हम जन्नत, बहिष्त, स्वर्ग और पैराडाइज कहते हैं। ऐसी दुनिया हमारी रिकॉर्डेड हिस्ट्री से भी पहले अस्तित्व में थी। यह एक ऐसी दुनिया थी जहाँ मनुष्यों में सात बुनियादी गुण-शांति, आनंद, प्रेम, खुशी, पवित्रता, शक्ति और सच्चाई भरपूरता में मौजूद थे। इसके अलावा, मनुष्य आत्माएँ इन गुणों से भरपूर थीं, इसलिए उन्हें कभी दुःख का अनुभव नहीं हुआ क्योंकि उन्होंने कोई नेगेटिव काम नहीं किया था। यह वह दुनिया थी, जहां हेल्थ और वेल्थ भी पॉजिटिव थी, जहां गरीबी और बीमारी का नामोनिशान नहीं था।

 

यह वह संसार है जिसे परमात्मा ने बनाया और इसीलिए उन्हें “हेविनली गॉड फादर” भी कहा जाता है और जिस संसार को उन्होंने बनाया, उसे स्वर्ग कहा जाता है। इस संसार में, मनुष्यों के बीच सम्पूर्ण एकता और प्रेम था जहां कोई युद्ध नहीं लड़े गए और नाही कोई प्राकृतिक आपदाएँ आईं। इसका कारण यह है कि, प्रकृति पूर्णतः शुद्ध थी। साथ ही, प्रकृति के पांच तत्वों से बने भौतिक शरीर न केवल बहुत सुंदर और पवित्र थे, बल्कि किसी भी प्रकार के रोग या बीमारी से भी पूरी तरह मुक्त थे। यहां तक कि जानवर भी एक-दूसरे के बीच पूर्ण सद्भाव और शांति से रहते थे। इस संसार की जनसंख्या बहुत कम थी और इसमें सभी लोग पवित्र थे। यह संसार हमारा अलिखित इतिहास है जिसके बारे में कभी इतनी बात नहीं की जाती और इसका उल्लेख केवल हमारे धर्मग्रंथों या शास्त्रों में ही मिलता है।

(कल भी जारी रहेगा…)

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