अंदर के ‘मैं’ का अहसास और अनुभव (भाग 1)
हम सभी अपना जीवन बहुत तेज़ी से जीते हैं, एक दृश्य के समाप्त होते ही अगले दृश्य में चले जाते हैं, फिर पहले दृश्य को
August 2, 2024
कभी-कभी हम लोगों की राय या अपनी खुद की सोच से, अपने ऊपर मैं धीमा हूँ… मैं गुस्सैल हूँ… जैसे लेबल लगा लेते हैं। ये नकारात्मक लेबल हमें वैसा ही बना देते हैं। क्योंकि जैसा हम सोचते हैं वैसे ही हम बनते जाते हैं। जब तक हम इन्हें बदलने का निर्णय नहीं लेते, तभी तक ये हमारी वास्तविकता बनते जाते हैं। आइये इसके बारे में और समझें:
हम सभी अपना जीवन बहुत तेज़ी से जीते हैं, एक दृश्य के समाप्त होते ही अगले दृश्य में चले जाते हैं, फिर पहले दृश्य को
हम सभी इस जीवन रूपी नाटक में अभिनेता हैं और कई भूमिकाएं निभा रहे हैं। हर दृश्य में हमें अपनी स्क्रिप्ट लिखने और उसपर अभिनय
प्रतिदिन परमात्मा द्वारा दिए गए ज्ञान को अपने मन में दोहराएं– प्रतिदिन परमात्मा हमसे ज्ञान साझा करते हैं, जिसे हम पढ़ते हैं और अपनी डायरी
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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