April 14, 2025

ख़ुशी से संबंधित 3 गलत मान्यताएं और सच्चाई (भाग 1)

आज दुनिया में बड़ी संख्या में लोग डिप्रेशन के शिकार हैं। यह हमारे लिए एक इशारे की तरह है कि हम कुछ समय के लिए रुककर स्वयं से पूछें कि, क्या हम अपनी मेंटल हेल्थ के लिए पर्याप्त प्रयास कर रहे हैं, जोकि हमारी इमोशनल हेल्थ से डायरेक्टली जुड़ा हुआ है। अपने जीवन में तनाव, क्रोध, भय, हर्ट, ईर्ष्या का अनुभव करने से हमारी इमोशनल हेल्थ खराब होती है। दरअसल, हम खुशी की तलाश में इन नकारात्मक भावनाओं में फंस जाते हैं, जैसे कि हममें से ज्यादातर लोग बचपन से ही अपने सपनों के पीछे भागना शुरू कर देते हैं, क्योंकि हमारी सबसे बड़ी गलत धारणा यह है कि, हम अपने जीवन में जो कुछ भी धन संपत्ति आदि कमाते हैं वही हमारी सच्ची खुशी है। इसलिए, हम जीवन की उपलब्धियों, संपत्ति और रिश्तों में खुशी तलाशते रहते हैं। तो आइए, ख़ुशी संबंधी मान्यताओं पर एक नज़र डालें –

मान्यता 1: उपलब्धियाँ मुझे खुशियां देती हैं।

मान लीजिए कि, एक कर्मचारी होने के नाते मैं यह समझता हूं कि, मुझे मैनेजर के पद पर प्रमोट होने के लिए दो साल लगते हैं, और मैं ईमानदारी से इसके लिए काम करता हूं। लेकिन मेरी खुद की यह सोच मुझे अक्सर याद दिलाती है कि – मुझे मैनेजर का पद मिलने पर ही खुशी होगी। इसलिए, मैं आज खुद को खुश नहीं रख पाता नाही अगले दो साल तक खुश रहने के बारे में सोचूंगा जब तक मुझे ये प्रमोशन नहीं मिल जाता। और अगर किसी दिन मुझे यह महसूस होता है कि, मेरी किसी अक्षमता, टीम के सदस्यों के साथ समस्या या फिर मैनेजमेंट के फैसले के चलते मेरा प्रमोशन नहीं हो सकता, तो मैं तनाव, क्रोध और चिंता से घिर जाता हूं – क्योंकि मेरा मानना है कि, ये न केवल मेरे करियर को प्रभावित कर रहे हैं बल्कि मेरी खुशी भी छीन रहे हैं। इसके लिए मैं कभी-कभी अनुचित तरीकों का उपयोग भी कर सकता हूं। और अंततः नेगेटिविटी क्रिएट करता हूं, वही रेडिएट करता हूं, और साथ ही दो वर्षों के अन्तराल तक दर्द और हर्ट में रहता हूं। और मान लें कि, यदि इस अवस्था में मैं मैनेजर बन भी जाऊं तो, क्या मैं खुश रह सकूंगा? इसके अतिरिक्त अब मेरी खुशी अगले प्रमोशन पर आधारित हो जाएगी और इसी तरह से ये चक्र यूंही चलता रहेगा…

सच्चाई: हमें खुशियां केवल हमारी उपलब्धियों से नहीं मिल सकतीं और हमें इसे अपने लक्ष्य तक सीमित नहीं रखना है कि, जब तक हमारा लक्ष्य प्राप्त न हो जाए। बल्कि अपने लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ते हुए, हर कर्म को खुश होकर करने में है।

आने वाले कल के संदेश में, हम दो अन्य सामान्य सुख संबंधी मान्यताओं पर चर्चा करेंगे।

22 May 2025 soul sustenance Hindi

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